करें बाबा महाकाल के दर्शन
भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर आज मंगलवार को श्री महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल भक्तों को दर्शन देने के लिए सुबह 4 बजे जागे। जिसके बाद बाबा महाकाल की भस्म आरती धूमधाम से की गई। इस दौरान उनका हनुमान स्वरूप में श्रृंगार कर भस्म रमाई गई। भस्म आरती में हजारों श्रद्धालु शामिल हुए।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा बाला गुरु ने बताया कि भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर आज मंगलवार को बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे, भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। सबसे पहले भगवान को स्नान, पंचामृत अभिषेक करवाने के साथ ही केसर युक्त जल अर्पित किया गया। इसके बाद बाबा महाकाल का भांग से महाबली हनुमान स्वरूप में श्रृंगार किया गया। राजसी स्वरूप में श्रृंगार कर बाबा महाकाल को नवीन मुकुट धारण कराया गया, जिसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की गई। श्रद्धालुओं ने नंदी हॉल और गणेश मंडपम से बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल होकर लाभ लिया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के निराकार से साकार होने के स्वरूप के दर्शन किए और जय श्री महाकाल का उद्घोष किया।
भस्म आरती के समय में बदलाव
भगवान शिव को श्रावण भादो मास अति प्रिय है, यही कारण है कि विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण मास की शुरुआत होने के साथ ही यहां प्रतिदिन होने वाली भस्म आरती के समय में बदलाव हो जाता है। इस दौरान बाबा महाकाल अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए डेढ़ घंटा पहले जागते हैं। इस बार श्रावण मास की शुरुआत 22 जुलाई से हुई थी, इसके बाद बाबा महाकाल की अलसुबह होने वाली भस्म आरती के समय में बदलाव किया गया था। डेढ़ माह तक मंदिर में भस्म आरती की दर्शन व्यवस्था बदले हुए समय के अनुसार ही चलती रही, लेकिन आज 3 सितंबर से इस व्यवस्था में बदलाव किया गया है। अब बाबा महाकाल की भस्म आरती पहले की तरह सुबह 4 बजे की जाने लगी है। श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि भक्त तो भगवान के लिए तरह-तरह के कठिन उपवास और तप करते हैं। लेकिन, श्रावण मास में बाबा महाकाल भी भक्तों को दर्शन देने के लिए डेढ़ घंटा पहले जागते थे। लेकिन, अब बाबा महाकाल की भस्म आरती सुबह 4 बजे से होगी।
आज से यह व्यवस्था भी बदली
बता दें कि श्रावण मास में देश-विदेश से बाबा महाकाल के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए चलित दर्शन व्यवस्था की शुरुआत भी मंदिर में की जाती है, जिसके तहत अधिक से अधिक श्रद्धालु बाबा महाकाल की भस्म आरती को देख पाते हैं। लेकिन, भस्म आरती के समय में बदलाव से यह व्यवस्था भी समाप्त हो गई। अब पहले की तरह भस्म आरती में उन्हीं श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा जिनके पास अनुमति होगी।
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