राजगढ़ में दिग्विजय सिंह ने चुनाव लड़ने की बात कही है।
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आपको बता दें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह शुरुआत से ही चुनाव लड़ने से इंकार करते हुए नजर आ रहे थे। उनका कहना था कि उनके पास राज्यसभा के अभी दो वर्ष और शेष हैं इसलिए उनका चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है। ऐसे में भाजपा की प्रदेश की 29 लोकसभा सीटो की सूची जारी होने के पश्चात भी कांग्रेस की सूची जारी नहीं हुई थी और भाजपा इसको लेकर लगातार कांग्रेस पर तंज कसती हुई नज़र आ रही थी। गुरुवार को हुई कांग्रेस की चुनाव समिति की बैठक में दिग्गज नेताओं को चुनावी मैदान में उतारने का निर्णय लिया गया और यह खबर आग की तरह से फैल गई, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का नाम राजगढ़ लोकसभा से तय किया गया। इसकी भनक लगते ही देर रात में कांग्रेसियों ने आतिशबाजी भी की और अपनी जीत सुनिश्चित बताई।
शुक्रवार को अपने तय दौरे के मुताबिक दिग्विजय सिंह राजगढ़ पहुंचे, जहां उन्होंने प्रसिद्ध धार्मिक स्थल मां जालपा माता मंदिर में दर्शन किए और छापीहेड़ा में आयोजित कांग्रेस के कार्यक्रम में शामिल हुए। जहां मंच से ही उन्होंने अपने आपको आपको राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस का प्रत्याशी बताते हुए कहा कि ये चुनाव आप सभी को ही लड़ना है। अभी तक तो घोषणा नहीं हुई है, लेकिन मैं तो चाहता था की स्थानीय नेता चुनाव लड़ें, लेकिन पार्टी ने मुझसे कहा है कि आपको चुनाव लड़ना है तो पार्टी का आदेश है, जो कि मानना पड़ता है। अब इस चुनाव को आप सभी को मेरे साथ मिलकर लड़ना है।
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र से दो बार सांसद रह चुके है और वे लगभग 33 वर्ष के बाद राजगढ़ की धरा से चुनावी मैदान में है और यह भी कयास लगाए जा रहे है की यह उनका अंतिम चुनाव हो सकता है,जिसमे उन्हे यकीन है की राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र की जनता उन पर फिर से विश्वास जताएगी,मीडिया से बात करते हुए दिग्विजय सिंह कहते है की हमारे सभी मुद्दे स्थानीय रहेंगे जिनको लेकर हम जनता के बीच में जायेंगे,क्योंकि राजगढ़ में जितने भी विकास के कार्य हुए है वे सभी हमारे समय स्वीकृत हुए है,कुछ नया किसी ने नही किया।