नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 3 नवंबर से 5 नवंबर 2023 तक वर्ल्ड फूड इंडिया आयोजित हो रहा है. इस दौरान आयुष मंत्रालय की ओर से आयोजित नॉलेज सेशन में नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ आयुर्वेद, जयपुर से आये प्रोफेसर अनुपम श्रीवास्तव ने मेडिकल वैल्यू टूरिज़्म पर जोर देते हुए कहा कि आयुष वीजा की व्यवस्था विश्व भर में स्वास्थ्य सेवाओं के जरूरतमंदों के लिए बहुत सहयोगी होने जा रही है.
100 बिलियन पहुंचने वाला है आयुष का बाजार
इस दौरान ओम्नि एक्टिव हेल्थ टेक्नोलॉजीज के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय मरीवाला ने बताया कि वर्तमान समय में आयुष उत्पादों का भारतीय बाजार लगभग 3.5 बिलियन यूएस डालर है जो कि 100 बिलियन तक जाने की संभावना है.
आयुर्वेदिक सुपर फूड बने पहली पसंद
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के असोसिएट प्रोफेसर डॉ शिव कुमार हरती ने बताया कि भोजन, नींद और जीवन शैली मानव स्वास्थ्य के तीन प्रमुख अंग हैं और आयुष उत्पाद न केवल अंतराष्ट्रीय खाद्य शैली का हिस्सा बन रहे हैं, बल्कि लोगों की पहली पसंद भी बन रहे हैं. वहीं एफआईटीटी-आईआईटी दिल्ली से आये डॉ साकेत चट्टोपाध्याय ने बताया कि किस प्रकार नये आयुष उत्पादों के विकास में आर्टिफिशिल इंटेलिजेंस का सहयोग प्राप्त किया जा सकता है. आयुष मंत्रालय के मीडिया सलाहकार संजय देव ने कहा कि आयुर्वेद हमारे देश में हजारों वर्षों में बसी हुई संस्कृति का हिस्सा है और आयुष इस व्यवस्था को आगे बढ़ाने का काम कर रहा है.
बता दें कि वर्ल्ड फूड इंडिया के इस आयोजन में आयुष मंत्रालय एक सहयोगी की भूमिका निभा रहा है. आयुष मंत्रालय की ओर से वर्ल्ड फूड इंडिया में आयुष पवेलियन तैयार किया गया है जिसमें आयुर्वेद आहार के साथ ही आयुष आहार की वर्तमान जीवन में उपयोगिता, आयुष आहार का महत्व, उनकी प्राप्त करने के तरीकों आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है. इसके साथ उचित भोजन और परंपरागत चिकित्सा पद्यतियों के अनुरूप भोजन की थाली आदि के बारे में बताया गया है.