नर्मदापुरम।शासन-प्रशासन द्वारा शिक्षा विभाग में पारदर्शिता और अनुशासन स्थापित करने की मंशा के बीच नर्मदापुरम जिले से एक बड़ा कदम सामने आया है। उमाशि हाईस्कूल (highschool) हथवास प्रभारी प्राचार्य सुरेश कुमार श्रीवास्तव को गंभीर आरोपों और अनुशासनहीनता के चलते तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह आदेश 30 सितम्बर 2025 को नर्मदापुरम संभागायुक्त कृष्णा गोपाल तिवारी के हस्ताक्षर से जारी किया गया।

हाईस्कूल (highschool) के शिक्षक पर क्या हैं आरोप?
जिला कलेक्टर नर्मदापुरम को प्राप्त शिकायतों के आधार पर श्रीवास्तव पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। प्रमुख आरोप इस प्रकार हैं— विद्यालय में नियमित उपस्थिति न रहना और शैक्षणिक कार्यों में लापरवाही। बिना अनुमति अनुपस्थित रहना तथा समय पर विद्यालय न पहुँचना। स्कूल प्रबंधन और विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाली गतिविधियाँ। अन्य शिक्षकों और कर्मचारियों के प्रति अनुचित व्यवहार साथ ही महिला शिक्षिका को अश्लील मैसेज भेजना । इन शिकायतों की जाँच जिला शिक्षा अधिकारी नर्मदापुरम द्वारा गठित समिति ने की और साक्ष्यों के आधार पर आरोपों को सही पाया।
जाँच में सामने आया
जाँच समिति की रिपोर्ट के अनुसार— उमाशि हाईस्कूल (highschool) हथवास प्रभारी प्राचार्य की कई बार शिकायतें दर्ज गई। जिसमें श्रीवास्तव समय-समय पर सहकर्मी शिक्षकों और विद्यार्थियों के प्रति अनुचित आचरण किया गया, साथ ही महिला शिक्षिका को अश्लील मैसेज भेजे गए। समिति ने स्पष्ट किया कि श्रीवास्तव का व्यवहार न केवल सेवा नियमों का उल्लंघन है, बल्कि विद्यालयीन वातावरण को भी गंभीर रूप से प्रभावित करता है।
कलेक्टर की भूमिका
रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद जिला कलेक्टर नर्मदापुरम सोनिया मीना ने मामले का गहन परीक्षण किया। उन्होंने इसे गंभीर अनुशासनहीनता की श्रेणी में पाते हुए कहा कि शिक्षा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में इस प्रकार का आचरण पूरी तरह अस्वीकार्य है। इसी आधार पर उन्होंने निलंबन की सिफारिश संभागायुक्त को की।
संभागायुक्त का आदेश
संभागायुक्त नर्मदापुरम ने कलेक्टर की सिफारिश पर संज्ञान लेते हुए आदेश जारी किया। आदेश में उल्लेख है कि सुरेश कुमार श्रीवास्तव को मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 9(1) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय नर्मदापुरम रहेगा। इस अवधि में उन्हें केवल जीवन निर्वाह भत्ता (subsistence allowance) मिलेगा।
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