सांकेतिक तस्वीर।
मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के ऊन थाना क्षेत्र में स्कूल से घर लौट रही एक नाबालिग बालिका को बहला फुसलाकर अपने साथ ले जाने और फिर 15 दिनों तक घर में रखकर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई है। यही नहीं, आरोपी की मां को भी इस मामले में 20 साल के सश्रम कारावास से दंडित किया गया है।
दरअसल, खरगोन जिले के उन थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण क्षेत्र से करीब 3 साल पहले घर से स्कूल जाने का बोलकर निकलीं दो नाबालिक बालिकाएं लापता हो गई थीं। उनके परिजनों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। इनमें से एक बालिका करीब 15 दिन बाद आरोपी सूरज के घर से पुलिस को मिली थी। पुलिस ने इस मामले में आरोपी सूरज के साथ ही उसकी मां रेखा बाई को भी गिरफ्तार किया था।
इस मामले के पैरवीकर्ता अधिकारी विशेष लोक अभियोजक सरिता चौहान ने बताया कि घटना 22 सितंबर 2021 की है। जिसके बाद पीड़िता को अभियुक्त सूरज के कब्जे से दस्तयाब किया गया था, तब उसने बताया था कि सूरज की मां ने उसे 15 दिन अपने घर रखा। इस दौरान आरोपी सूरज ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया और धमकी दी कि अपने माता पिता को कॉल मत लगाना, नहीं तो जान से मार दूंगा। इस मामले में आरोपी की मां ने पुलिस को सूचना नहीं दी, इसलिए उसे भी बराबर की सजा दी गई। कोर्ट ने आरोपी सूरज और पीड़िता को संरक्षण देने वाली रेखाबाई को 20-20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
जिला अभियोजन अधिकारी सरिता चौहान ने बताया कि एक 15-16 साल की नाबालिक लड़की और उसकी हमउम्र सहेली को दो लड़के साथ लेकर चले गए थे । जिस पर पुलिस ने लड़की की सहेली का चालान बाल न्यायालय में पेश किया था, और दूसरा चालान न्यायाधीश मिश्रा साहब की कोर्ट में पेश किया गया था। कोर्ट ने अपने फैसले में आरोपी सूरज की मां को भी दोषी माना। क्योंकि उसने इन्हें घर में संरक्षण दिया था और इस बात को पुलिस से छिपा कर रखा था।
जिला अभियोजन अधिकारी सरिता चौहान ने बताया कि पहली बार ऐसा साक्ष्य आया है कि न्यायालय ने धारा 368 में आरोपी के साथ उसकी मां को भी दोषी माना और पोक्सो एक्ट के अंतर्गत दंडित किया गया है। इस एक्ट में संरक्षण करने वाले को भी सजा देने का प्रावधान है। इसलिए न्यायालय ने आरोपी की मां को भी उतना ही दोषी मानते हुए दोनों को 20-20 साल की सजा सुनाई है।