खंडवा जिले के गुलगांव रैयत गांव के ग्राम रोजगार सहायक गजेंद्र सिंह राठौड़ ने पुनासा जनपद पंचायत की महिला सीईओ रीना चौहान की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली। हालांकि, बताया जा रहा है कि कार्य में लापरवाही के चलते मृतक गजेंद्र सिंह राठौड़ को निलंबित कर दिया गया था। वह करीब पांच माह से निलंबित था और इस दौरान सैलेरी न मिलने और आर्थिक परेशानियों के चलते वह डिप्रेशन में चला गया था।
जिसके बाद उसने इस तरह का कदम उठाया है। वहीं मृत्यु पूर्व उसने एक वीडियो बनाकर अपने घर वालों को भी भेजा था, जिसमें उसने गंभीर आरोप लगाते हुए उसे वापस नौकरी पर बहाल करने के लिए पुनासा जनपद सीईओ रीना चौहान द्वारा एक लाख रुपये की रिश्वत राशि की मांग करना भी बताया है। सुसाइड से पहले ग्राम रोजगार सहायक के बनाये वीडियो संदेश में उसने पुनासा जनपद सीईओ रीना चौहान को ही उसकी मृत्यु का दोषी बताते हुए कीटनाशक पीकर अपनी जान देने की बात कही है। मामले की जानकारी लगते ही परिजन गंभीर हालत में उसे लेकर मूंदी के स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे थे, जहां से उसे खंडवा रेफर कर दिया गया और देर शाम उसकी मृत्यु हो गई।
पापा ने वीडियो डाला और दवाई पी ली
इधर मृत्यु के बाद जिला अस्पताल पहुंचे मृतक के पुत्र ने बताया कि आज पापा को खंडवा कोर्ट आना था, लेकिन उनके पास पैसे नहीं थे और सैलरी भी नहीं मिली थी। इसके बाद पापा पता नहीं कहां चले गए। फिर पापा ने हमें एक वीडियो डाला, और उसमें बोला कि मेरी मृत्यु का कारण यह मैडम हैं। फिर पापा ने केनूद तालाब के पास दवाई पी ली। वहीं उसने बताया कि, पिता ने पांच माह काम किया था, जिसकी उन्हें सैलरी नहीं दी जा रही थी। जब वह मैडम से सैलरी मांगने गए तो उन्होंने एक लाख रुपये की मांग की थी। जिसके बाद से उनके पिता काम पर नहीं गए थे। अभी करीब 22 माह की उनकी सैलरी हो चुकी है जो उन्हें नहीं मिल रही थी, जोकि करीब 3 लाख रुपये बनती है। इसलिये इसके ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाना चाहिए।