Khandwa News: आधार में नाम बदल बना मजदूर, 17 साल बाद ठेकेदार बन पहुंची पुलिस

खंडवा: आपने अक्सर किस्से कहानियों में कहावत सुनी होगी कि कानून के शिकंजे से बचना मुश्किल ही नामुमकिन होता है। कानून के हाथ लंबे होते हैं। इन्हीं हाथों ने 17 साल से फरार एक आरोपी को आखिरकार गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है। यहां ये कहावत हकीकत साबित हुई है। खंडवा के हरसूद थाने में चकमा देने वाले इस आरोपी को पकड़ा है। पुलिस ने भी उसे खास प्लानिंग के जरिए गिरफ्तार किया है।

बात खंडवा के हरसूद थाना क्षेत्र की है। यहां पर जमीनी विवाद में वर्ष 2008 में गोविंद ने अपने दो भाई दयाराम और सुरेश के साथ मिलकर अपने चाचा अनार सिंह को मौत के घाट उतार दिया था। घटना के बाद हरसूद पुलिस ने दयाराम और सुरेश को तो गिरफ्तार कर लिया था लेकिन पिछले 17 साल से आरोपी गोविंद फरार चल रहा था। गोविंद के फरारी के कारण इस केस का खात्मा नहीं हो पा रहा था।

टीम का हुआ गठन


आरोपी गोविंद इतना शातिर था कि वह पुलिस को एक दो नहीं बल्कि पिछले 17 वर्षों से चकमा दे रहा था। पुलिस की उम्मीद छूटती नजर आ रही थी। पर खंडवा एसपी मनोज कुमार राय ने इस मामले में आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एक टीम का गठन किया। जिसमें दो एसआई और चार प्रधान आरक्षक को तैयार किया। एसआई वीरेंद्र बिसेन, महेंद्र यादव के साथ प्रधान आरक्षक रफीक खान, विनायक पंचोली, जितेंद्र राठौर और विक्रम वर्मा को इस आरोपी को पकड़ लाने के निर्देश दिए गए।

यहां कर रहा था मजदूरी


आरोपी गोविंद इतना शातिर था कि उसने कानून को चकमा देने के लिए हरसूद से फरार होकर उज्जैन में अपना आशियाना बना लिया। चालाकी से उसने आधार कार्ड में अपना नाम भी बदल लिया। नाम बदलने के कारण आरोपी को पुलिस ढूंढ नहीं पा रही थी। ऐसे में मुखबिर की सूचना पर पुलिस को पता लगा की आरोपी उज्जैन में रहकर मजदूरी कर रहा है।

ठेकेदार बनकर पहुंची पुलिस


उज्जैन में मजदूरी करने वाले आरोपी गोविंद ने अपना नाम बदलकर सुरेश रख लिया था। उसके पास खंडवा एसपी की स्पेशल टीम ठेकेदार बनकर गई। काफी पूछताछ के बाद पता चला कि वह उज्जैन के घटिया में मजदूरी कर रहा है। बस पलक झपकते हीं स्पेशल टीम ने आरोपी गोविंद को दबोच लिया। उसके फिंगर प्रिंट और उसके आंखों की पहचान से आरोपी की पहचान पक्की हो गई। गिरफ्तारी के दौरान उसके चेहरे पर हंसी भी देखी गई।

न्यायालय से पहुंचाया जेल


आरोपी गोविंद की पहचान पुलिस के रिकॉर्ड से मेल खाते ही तत्काल उसे खंडवा न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने भी आरोपी को तत्काल सलाखों के पीछे भेज दिया। खंडवा एसपी ने उसपर 10000 रुपए का इनाम भी रखा था। हरसूद पुलिस के इस कार्रवाई के लिए खंडवा एसपी ने इस टीम को इनाम देने की भी घोषणा की है।

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