रविवार को बाबा ओंकार के दर्शन करने उमड़ा भक्तों का जनसैलाब।
शाम करीब पांच बजे काली घटाओं के छाने के साथ ही बारिश का सिलसिला भी शुरू हो गया। इसके बाद श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए गर्भगृह में जाने के लिए मंदिर के सभी गेट से दर्शन करवाना शुरू किया। इससे दर्शनों के लिए जो भक्त बाहर बारिश में भीग रहे थे, वह भी शेड में आ गए। हालांकि, जोरदार बारिश में भीगने के बावजूद बाबा ओंकार के भक्तों का जोश बना रहा। वे बारिश में भीगते हुए भी बम बम भोले की जय-जयकार करते रहे।
ज्योतिर्लिंग ओम्कारेश्वर मंदिर के आस पास अभी जो शेड लगा हुआ है, वह छलनी हो चुका है। उसमें कई छेद भी हैं। इससे बारिश का पानी लगातार टपकता रहता है। इसलिए मंदिर के इन टीन शेडों को जल्द ही बदलना भी आवश्यक है। अब श्रावण मास भी शुरू होने वाला है, और बारिश तो शुरू हो ही चुकी है। बीते दिनों मंदिर में संभाग के कमिश्नर और आईजी का दौरा भी था। उस समय भी जोरदार बारिश हुई थी। शेड में खड़े होने के बावजूद जिला प्रशासन के अधिकारियों को भी छतरियों का सहारा लेना पड़ा था। मंदिर में बदली वर्तमान दर्शन व्यवस्था के चलते यहां का अभिषेक हाल-फिलहाल खाली रहा। उसमें जाने के रास्ते भी बंद रहे। यहां अभिषेक कराने वाले भक्त और पंडित इस सुविधा से वंचित रहे।