Kerala News : केरल तिरुवनंतपुरम में 270 साल बाद पद्मनाभस्वामी मंदिर में दुर्लभ महाकुंभाभिषेकम का आयोजन

Padmanabhaswamy Temple: केरल के राजधानी तिरुवनंतपुरम में स्थित प्रसिद्ध श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में 270 साल बाद आठ जून को दुर्लभ ‘महाकुंभाभिषेकम’ अनुष्ठान किया जाएगा. यह जानकारी एक अधिकारी ने दी. इस प्राचीन मंदिर में लंबे समय से लंबित जीर्णोद्धार कार्य के हाल ही में पूरा होने के बाद अगले हफ्ते ‘महाकुंभाभिषेकम’ होगा. मंदिर के पदाधिकारियों के मुताबिक, इस अनुष्ठान का उद्देश्य आध्यात्मिक ऊर्जा को प्रबल बनाना है.

व्यापक जीर्णोद्धार और उससे जुड़े अनुष्ठान हो रहे है- श्रीकुमार

मंदिर प्रबंधक बी. श्रीकुमार ने यह बताया कि सदियों पुराने इस मंदिर में 270 साल से ज्यादा समय के बाद इस तरह का व्यापक जीर्णोद्धार और उससे जुड़े अनुष्ठान हो रहे हैं और अगले कई दशकों में ऐसा दोबारा होने की संभावना नहीं है. उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर में ‘महाकुंभाभिषेकम’ अनुष्ठान आठ जून को होगा.

श्रीकुमार ने बताया कि इस दौरान विभिन्न अनुष्ठान किए जाएंगे. उन्होंने न्यूज एजेंसी ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘सुप्रीम कोर्ट के 2017 में नियुक्त विशेषज्ञ समिति के निर्देशानुसार नवीनीकरण का काम किया गया है. हालांकि काम जल्द ही शुरू हो गया था, लेकिन कोविड-19 की स्थिति के कारण यह आगे नहीं बढ़ सका.’’

इतने साल के बाद अनुष्ठानों को देखना दुर्लभ अवसर है- श्रीकुमार

श्रीकुमार ने कहा कि बाद में 2021 से चरणबद्ध तरीके से विभिन्न जीर्णोद्धार कार्य पूरे किए गए. उन्होंने कहा, ‘‘मंदिर में सदियों के बाद व्यापक जीर्णोद्धार और संबंधित अनुष्ठान आयोजित किए जा रहे हैं. दुनिया भर में भगवान पद्मनाभ के भक्तों के लिए इतने साल के बाद इन अनुष्ठानों को देखना एक दुर्लभ अवसर है.’’

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के बारे में जनिए

केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर विश्व का सबसे धनी मंदिर माना जाता है, जो भगवान विष्णु जी के अवतार भगवान पद्मनाभस्वामी को समर्पित है. जहां पर भगवान विष्णु विराजमान हैं. हिंदुओं के इस प्रसिद्ध तीर्थ स्थल के बारे में मान्यता है कि यहाँ भगवान विष्णु की मूर्ति प्राप्त हुई थी, जिसके बाद इस मंदिर का निर्माण कराया गया. बता दें कि यहां पर भगवान विष्णु अपने प्रिय अनंत नाग पर लेटे हुए मुद्रा में विराजमान हैं. इस प्रसिद्ध मंदिर के दर्शन करने भक्त दूर- दूर से आते हैं.

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