सावन माह के तीसरे सोमवार काे निकली कावड़ यात्रा:सूरजकुंड से जल लेकर ग्राम बज्जरवाड़ा महादेव मंदिर के लिए निकले भक्त

Makhan Nagar: सावन के तीसरे सोमवार के लिए कांवड़ यात्रा की धूम मची है। सड़कों पर कांवड़ यात्रियों की सतरंगी छटा दिखाई दे रही थी । सूरजकुंड से नर्मदा जल लेकर ग्राम बज्जरवाड़ा महादेव मंदिर के लिए कांवड़ यात्रा निकाली गई । इस यात्रा में क्षेत्रीय विधायक विजयपाल सिंह, मंडल अध्यक्ष विपिन यादव, सत्यनारायण पाराशर,बलराम यादव, पिंकी यादव,  भूपेंद्र यादव, उमेश यादव,मनोज यादव, नरेंद्र यादव, गरीबदास यादव सहित समस्त ग्रामीणों ने यात्रा में भाग लिया।सोमवार को  कांवड़ यात्रियों के जत्थे ग्रामों से होकर गुजरते रहे और लोग जयकारे लगाते हुए चल रहे थे।

सामान्य कांवड़ यात्रा – सामान्य कांवड़ यात्रा में भक्त अपनी सुविधा के अनुसार चलते फिरते कांवड़ यात्रा निकालते हैं। इस तरह के कांवड़ यात्री अधिकांशत: लोकल के होते हैं।

डाक कांवड़ यात्रा –डाक कांवड़ यात्रा में झांकी भी सजाई जाती है। शिव भक्त धूमधाम से झूमते, गाते और नाचते कांवड़ की यात्रा निकालते हैं। डाक कांवड़ हाथ में नर्मदा जल लेकर निकाली जाती है। श्रद्धालु थकने के बाद दूसरे साथी को नर्मदा जल पकड़ा देते हैं और फिर वह दौड़ने लगता है।

खड़ी कांवड़ यात्रा -खड़ी कांवड़ यात्रा बहुत कठिन यात्रा होती है। जो यात्रा लेकर चलते हैं वह कहीं रुकते नहीं हैं लगातार चलते रहते हैं। यह यात्रा बहुत कम लोग निकाल पाते हैं।

कांवड़ यात्रा के कड़े नियम – यात्रा के दौरान भक्तों को सात्विक भोजन करना होता है।विश्राम के समय कांवड़ को पेड़ या किसी के सहारे लटकाना होता है। यात्रा के दौरान कहीं भी कांवड़ जमीन पर नहीं रखी जाती। कांवड़ यात्रा के दौरान जिस मंदिर में जलाभिषेक का संकल्प लिया जाता है वहां तक पैदल चलकर जाना होता है। कांवड़ यात्रा नियमों के साथ पूरी करने पर भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को मन मांगा वरदान देते हैं।

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