शहीद मेजर राजेंद्र यादव।
कारगिल विजय दिवस पर क्यों खास है घुघरीया खेड़ी
भारत ने 26 जुलाई 1999 के दिन पाकिस्तान के नापाक इरादों को चकनाचूर करते हुए कारगिल का युद्ध जीता था। इसके बाद से कारगिल विजय दिवस के अवसर पर हर साल ग्राम घुघरिया खेड़ी में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाता रहा है। दरअसल, कारगिल के युद्ध में निमाड़ की धरती के सपूत और देश की सेना के अमर शहीद लांस नायक राजेंद्र यादव का शहीद स्मारक बना हुआ है। मेजर राजेंद्र यादव खरगोन तहसील के ग्राम घुघरीया खेड़ी के रहने वाले थे, जो कारगिल युद्ध के दौरान अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे। भारतीय सेना के द्वारा उन्हें मरणोपरांत सेना मेडल से सम्मानित किया गया था। उनके बलिदान से सेना के 15 जवानों की जान बची थी। उनकी वीरता और शहादत की याद में घुघरीया खेड़ी गांव में उनका स्मारक बनाया गया था। शुक्रवार देर शाम ग्राम घुघरीया खेड़ी में आयोजित होने वाली श्रद्धांजलि सभा में वीर नारी प्रतिभा देवी यादव, वीर नारी संतोषी बघेल, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी खंडवा विंग कमांडर सेवानिवृत्त एम नासिर, जिला सयोंजक खरगोन-बड़वानी सेवानिवृत्त कैप्टन सुरेश सिंह चौहान और जिले के सम्मानीय पूर्व सैनिकों सहित उनके परिवार जन भी शामिल होंगे। इनके साथ ही जिला प्रशासन के अधिकारी, कर्मचारी व आम नागरिक भी इस सभा में श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचेंगे ।
कारगिल युद्ध का संपूर्ण घटनाक्रम
• 3 मई, 1999 : स्थानीय चरवाहे ने भारतीय सेना को कारगिल में पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में सचेत किया।
• 5 मई, 1999: पाकिस्तानी सेना ने पांच भारतीय सैनिकों की हत्या कर दी, जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया।
• 10 मई, 1999: पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा कारगिल में भारतीय गोला-बारूद भंडारों को निशाना बनाये जाने के बाद भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन विजय’ शुरू किया।
• 26 मई, 1999: भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तानी आक्रमण का मुकाबला करने के लिए हवाई हमला किया ।
• 27 मई, 1999: एक मिग-27 विमान को मार गिराया गया और पाकिस्तानी सेना ने पायलट को युद्ध बंदी के रूप में पकड़ लिया।
• 31 मई, 1999: अटल बिहारी वाजपेयी ने कारगिल में युद्ध जैसी स्थिति की घोषणा की।
• 1 जून, 1999: अमेरिका और फ्रांस सहित अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने भारत के विरुद्ध सैन्य कार्रवाई के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया।
• 5 जून 1999: भारतीय सेना ने संघर्ष में पाकिस्तान की संलिप्तता के सबूत पेश किये।
• 9 जून, 1999: भारतीय सेना ने बटालिक सेक्टर में दो रणनीतिक ठिकानों पर सफलतापूर्वक कब्जा कर लिया।
• 10 जून 1999: पाकिस्तान ने जाट रेजिमेंट के छह सैनिकों के क्षत-विक्षत शव लौटाये।
• 13 जून 1999: भारत ने महत्वपूर्ण टोलोलिंग चोटी पर पुनः नियंत्रण प्राप्त कर लिया, जिससे युद्ध का रुख बदल गया।
• 15 जून, 1999: अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से पाकिस्तानी सैनिकों को वापस बुलाने का आग्रह किया।
• 20 जून 1999: भारतीय सेना ने 11 घंटे की कड़ी लड़ाई के बाद टाइगर हिल के पास प्वाइंट 5060 और प्वाइंट 5100 पर कब्जा कर लिया।
• 5 जुलाई, 1999: बिल क्लिंटन ने नवाज शरीफ से मुलाकात की और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कारगिल से सेना वापस बुलाने की घोषणा की।
• 11 जुलाई 1999: पाकिस्तानी सेना पीछे हटने लगी और भारतीय सेना ने बटालिक की कई चोटियों पर नियंत्रण कर लिया।
• 14 जुलाई, 1999: भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन विजय’ के सफल समापन की घोषणा की।
• 26 जुलाई, 1999: कारगिल युद्ध समाप्त हुआ और तब से ही इस दिन को ‘कारगिल विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।