Jharkhand News : जेपीएससी की तरह ही जेएसएससी में भी नियुक्ति घोटाले की इडी को आशंका

रांची : प्रवर्तन निदेशालय (इडी) को झारखंड कर्मचारी चयन आयोग(जेएसएससी) में भी झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की तर्ज पर नियुक्ति घोटाला होने की आशंका है. आर्किटेक्ट विनोद सिंह के घर से मिले दस्तावेज और उसके इशारे पर जेएसएससी के अधिकारियों के तबादले को लेकर इसकी आशंका जतायी जा रही है. इडी ने मामले की जांच के लिए पिछले ही सप्ताह पुलिस से आयोग द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी और जांच से संबंधित दस्तावेज की मांग की है. इडी ने अवैध खनन की जांच के दौरान जनवरी के पहले सप्ताह में आर्किटेक्ट विनोद सिंह के घर पर छापा मारा था. इसमें उसके घर से जेएसएससी द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित 100 से अधिक एडमिट कार्ड मिले हैं. वहीं, जेपीएससी की परीक्षा से संबंधित एडमिट कार्ड भी मिले हैं. इसके अलावा विनोद सिंह द्वारा जेएसएससी के उप सचिव रविराज शर्मा को रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी(आरटीए) में पदस्थापित करने के लिए पैरवी करने से संबंधित कागजात मिले. इडी ने जांच में पाया कि विनोद सिंह की पैरवी पर रविराज शर्मा को हजारीबाग आरटीए में सचिव के पद पर पदस्थापित किया गया.

जुलाई 2022 में जूनियर इंजीनियर की नियुक्ति परीक्षा का प्रश्न पत्र हुआ था लीक

जांच में पैरवी के आधार पर पोस्टिंग से विनोद सिंह की पकड़ जेएसएससी में होने का अंदाजा लगाया जा रहा है. इसके बाद इडी ने अपने स्तर से जेएसएससी द्वारा आयोजित परीक्षा पर नजर डाला. इसमें पाया गया कि तीन जुलाई 2022 में जूनियर इंजीनियर के पद पर नियुक्ति के लिए परीक्षा आयोजित की गयी थी. परीक्षा के दौरान बोकारो के सेंटर पर प्रश्न पत्र के पैकेट की सील खुली हुई मिली. उस समय मोबाइल नंबर 7488121791 से प्रश्न पत्र वायरल हुआ. छात्रों ने इसकी शिकायत की, लेकिन आश्चर्यजनक ढंग से जेएसएससी ने प्राथमिकी दर्ज करने की जिम्मेदारी छात्रों पर ही डाल दी. छात्रों की शिकायत पर 14 जुलाई को नामकुम थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी. प्रश्न पत्र लीक मामले में एसआइटी बनायी गयी. प्रश्न पत्र लीक मामले में परीक्षा लेनेवाली एजेंसी को सिर्फ ब्लैकलिस्ट किया गया. इसके अलावा किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा का प्रश्न पत्र भी हो गया लीक

इधर, 28 जनवरी 2024 में सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा का प्रश्न पत्र भी लीक हो गया. इस मामले में जेएसएससी की ओर से थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. इस परीक्षा के लिए 2015 में विज्ञापन निकाला गया. परीक्षा की तिथियां निर्धारित की गयीं. न्यायालय के आदेश सहित अन्य कारणों से परीक्षाएं स्थगित कर दी गयीं. जनवरी 24 में परीक्षा आयोजित की गयी. इसमें करीब 6.5 लाख छात्रों ने आवेदन दिया. छात्रों की इतनी बड़ी संख्या को देखते हुए इसे दो चरणों में परीक्षा आयोजित करने की नीति तय की गयी. इससे एक स्तर की परीक्षा में दो तरह के प्रश्न पत्र होने की वजह से सफल उम्मीदवारों के चयन के दो मापदंड बन गये. एक ही परीक्षा के दो मापदंड होने की वजह से इडी इसे संदेह की नजर से देख रहा है.

डिप्लोमा स्तर संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा की स्थिति

– जेएसएससी ने नियुक्ति परीक्षा के लिए 2021 में प्रकाशित कराया था विज्ञापन

– तीन जुलाई 2022 को पहली बार हुई परीक्षा, पर प्रश्न पत्र लीक होने के कारण रद्द हो गयी

– नवंबर 2022 में दूसरी बार हुई हुई परीक्षा, जो न्यायालय द्वारा शर्तों को गलत करार देने से हुई रद्द

– तीसरी बार सितंबर 2023 में परीक्षा हुई, लेकर उसका रिजल्ट अब तक नहीं निकाला गया

सामान्य स्नातक योग्यताधारी परीक्षा की स्थिति

– जेएसएससी ने 2015 में परीक्षा के लिए विज्ञापन निकाला

– पहली बार 21 अगस्त 2016 को होनी थी परीक्षा, जो अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दी गयी

– दूसरी बार फरवरी-मार्च 2018 में होनी थी परीक्षा, यह भी अपरिहार्य कारणों से स्थगित हो गयी

– तीसरी बार नवंबर-दिसंबर 2019 में परीक्षा तिथि निर्धारित की गयी.

– चौथी बार मई 2022 में परीक्षा आयोजित करने का फैसला हुआ, लेकिन यह भी स्थगित कर दी गयी

– पांचवीं बार जनवरी 2024 में हुई परीक्षा, लेकिन प्रश्न पत्र लीक होने की वजह से रद्द कर दी गयी

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