Jabalpur: फर्जी आईएसबीएन किताबें और मनमानी फीस मामले में प्रिंसिपलों को जमानत, स्कूल प्रबंधन की याचिका खारिज

Jabalpur: Bail to principals in fake ISBN books and arbitrary fees case, school management petition rejected

अदालत(सांकेतिक)

जबलपुर शहर के 9 थानों में फर्जी ISBN पुस्तक और मनमानी फीस वृद्धि के खिलाफ 11 प्रकरण दर्ज किए गए थे। इन मामलों में प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ चार रिट याचिकाएं और 27 जमानत याचिकाएं दायर की गईं। हाईकोर्ट के जस्टिस एम.एस. भट्टी की एकलपीठ ने सुनवाई करते हुए केवल आठ स्कूल प्राचार्यों को जमानत का लाभ दिया है, जबकि स्कूल प्रबंधन और पुस्तक विक्रेताओं की याचिकाएं खारिज कर दी हैं।

पुलिस ने 81 व्यक्तियों के खिलाफ मामले दर्ज किए थे, जिनमें स्कूल प्रबंधक, प्राचार्य और पुस्तक विक्रेता शामिल थे। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि वे केवल कर्मचारी हैं और नीतियां प्रबंधन द्वारा बनाई जाती हैं, इसलिए उनकी कोई भूमिका नहीं है। मध्य प्रदेश निजी विद्यालय अधिनियम 2017 में अधिक फीस वृद्धि पर जुर्माने का प्रावधान है, आपराधिक प्रकरण का नहीं। पुस्तक विक्रेताओं ने कहा कि वे केवल पब्लिशर द्वारा सप्लाई की गई पुस्तकों को बेचते थे और फर्जी ISBN नंबर के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी।

सरकार ने जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा कि स्कूल प्रबंधन और विक्रेता बिना अनुमोदन के पाठ्यक्रम बदलते थे और फर्जी ISBN नंबर का उपयोग करते थे। इसके अलावा स्कूल प्रबंधन के द्वारा अपनी ऑडिट रिपोर्ट में भी फर्जीवाड़ा किया गया है। पुलिस ने कुछ पब्लिशर के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज किया है। प्रकरण की जांच जारी है और अभियुक्तों को जमानत नहीं मिलनी चाहिए। चार रिट याचिकाओं पर सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की गई है। शुक्रवार को जारी फैसले में केवल आठ प्राचार्यों को जमानत मिली है, जबकि स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों और पुस्तक विक्रेताओं की याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं।

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