Jabalpur News : वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र

नई शिक्षा नीति से प्रदेश के लगभग  18 हजार स्कूल बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं। नई शिक्षा नीति में अनिवार्य दस्तावेजों के साथ शुल्क में हुई वृद्धि से प्राईवेट शिक्षण संस्थान हैरान-परेशान हैं। कारण नवीन वर्ष की मान्यता हेतु पोर्टल पर दिए गए दिशा निर्देश है। जिनमे जमीन का डायवर्सन और रजिस्टर्ड किरायानामा के बिना राज्य शिक्षा केंद्र का पोर्टल शिक्षण संस्थान की मान्यता प्राप्त करने का आवेदन एक्सेप्ट ही नहीं कर रहा। वही अन्य शर्ते जैसे डीपीसी के नाम 40 हजार रुपए की एफडीआर, पोर्टल शुल्क 12 हजार और 5 हजार रुपए विलंब शुल्क, इसके अलावा जमीन का रजिस्टर्ड किरायानामा, 12 शौचालय, आरओ वॉटर समेत अन्य दस्तावेज शामिल है।

जिसे ले कर अब शिक्षण  संस्थान  हाई कोर्ट की शरण में है। वे अब अपनी पीड़ा हाईकोर्ट को बड़े वकील विवेक तन्खा के माध्यम से न्यायालय के सामने रखेंगे। वही वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने इस मामले में मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह को पत्र लिखा है। तथा आदेश पर पुनर्विचार की मांग की है।

नई शिक्षा नीति में यह विसंगति पूरे मप्र स्तर पर है। सरकार की इस नीति के खिलाफ समस्त निजी शिक्षण संस्थान हाईकोर्ट में पिटिशन दायर करेंगे।
शिक्षा विभाग की गाइड लाइन , अधिनियम , मान्यता नियमों का स्टडी व मूल्यांकन करने के बाद   केस इस प्रकार दर्ज होना है।


प्रथम केस उन संचालक साथियों के लिए लगाया जा रहा है जो मान्यता आवेदन नहीं करेंगे। कि उनको कुछ न हो उनके स्कूलों को कुछ न हो।


दूसरा केस रजिस्टर्ड किराया नामा व सुरक्षा निधि FD समाप्त हो। नोटरी कृत लागू हो मान्यता में शिथिलता प्रदान हो।

विवेक तंखा सुप्रीम कोर्ट के जाने माने वकील और राज्य सभा सांसद महोदय द्वारा अपनी प्राईवेट स्कूलों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री जी को पत्र प्रेषित किया।

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