स्कूल में प्रयोगशाला व पुस्तकालय निर्माण के लिए राशि आवंटित की गई थी। प्राचार्य ने शासकीय खाते हुए राशि का आहरण कर लिया, परंतु प्रयोगशाला व पुस्तकालय का निर्माण नहीं करवाया। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत तथा जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने आरोप को गंभीरता से लेते हुए मंडला कलेक्टर को जांच के निर्देश दिए हैं।
मंडला निवासी मुकेश श्रीवास की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पौड़ी लिंगा जिला मंडला में प्रयोगशाला व पुस्तकालय निर्माण के लिए सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग द्वारा 2 लाख 56 हजार रुपये की राशि मार्च 2018 को आवंटित की गई थी। विभाग द्वारा उक्त राशि प्राचार्य के शासकीय खाते में भेजी गई थी। शासकीय खाते से राशि का आहरण कर लिया गया था। राशि का आहरण करने के बावजूद भी अभी तक प्रयोगशाला व पुस्तकालय का निर्माण नहीं करवाया गया है। संबंधित अधिकारियों के द्वारा शासकीय राशि का दुरुपयोग किया गया है।
इस संबंध में याचिकाकर्ता ने कलेक्टर मंडला, लोकायुक्त तथा ईओडब्ल्यू में शिकायत की थी। शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं होने के कारण उक्त याचिका दायर की गई है। युगलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए कलेक्टर मंडला को निर्देशित किया है कि वह चार सप्ताह में शिकायत की जांच करें। जांच रिपोर्ट एक सप्ताह की निर्धारित समय सीमा में याचिकाकर्ता को प्रदान करें। जांच से असंतुष्ट होने पर याचिकाकर्ता पुनः न्यायालय की शरण ले सकता है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता गुलाब सिंह बघेल ने पैरवी की।