हाईकोर्ट द्वारा निर्धारित समयावधि में आदेश का पालन नहीं किए जाने के कारण अवमानना याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने आरआरसी के निष्पादन के लिए तीस दिनों का समय प्रदान किया था। अपने आदेश में हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि यदि याचिकाकर्ता को दूसरी बार अवमानना याचिका दायर करनी पड़ी तो प्रथम और द्वितीय अवमानना याचिका की लागत जिला कलेक्टर भोपाल से वसूली जाएगी। निर्धारित समयावधि के बावजूद आदेश का पालन नहीं किए जाने के कारण दूसरी बार अवमानना याचिका दायर की गई है।
कलेक्टर की ओर से जानकारी नहीं दी गई
पिछली सुनवाई के दौरान कलेक्टर की तरफ से यह प्रस्तुत किया गया था कि बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसकी संपत्ति को सीज कर नीलाम किया जा रहा है और नीलामी की राशि से याचिकाकर्ता को भुगतान किया जाएगा। एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान नीलामी प्रक्रिया के संबंध में न्यायालय को अवगत कराने के निर्देश दिए थे। हालांकि, भोपाल कलेक्टर की ओर से इसे लेकर कोई जानकारी प्रस्तुत नहीं की गई। इसे गंभीरता से लेते हुए एकलपीठ ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से तलब किया है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ध्रुव वर्मा और कपिल दुग्गल ने पैरवी की।