जिला शिक्षा अधिकारी और बेलखेड़ा थाना प्रभारी द्वारा नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता का नाम उजागर करने के मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। याचिका में मांग की गई कि दोनों अधिकारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए। हाईकोर्ट के जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए डीजीपी, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) और बेलखेड़ा थाना प्रभारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
बता दें कि नगर कांग्रेस अध्यक्ष सौरभ नाटी शर्मा द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि बेलखेड़ा थाना क्षेत्र के एक स्कूल में नाबालिग छात्रा के साथ शिक्षक ने दुष्कर्म किया था। इस मामले में पुलिस ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। चूंकि आरोपी शासकीय कर्मचारी था, इसलिए बेलखेड़ा थाना प्रभारी ने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर इस बारे में सूचित किया। हालांकि, इस पत्र में पीड़िता का नाम उजागर कर दिया गया, जो कि कानून का उल्लंघन है।
इसके बाद, जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी ने आरोपी शिक्षक को निलंबित कर दिया, लेकिन उनके निलंबन आदेश में भी नाबालिग पीड़िता का नाम स्पष्ट रूप से लिख दिया गया। याचिका में दलील दी गई कि दुष्कर्म पीड़िता का नाम उजागर करना कानूनन अपराध है और इसमें दो साल तक की सजा और आर्थिक दंड का प्रावधान है।
याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की एकलपीठ ने प्राथमिक रूप से मामले को गंभीरता से लेते हुए अनावेदकों (प्रशासनिक अधिकारियों) को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि अधिकारियों की लापरवाही साबित होती है, तो उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अब इस मामले में संबंधित अधिकारियों से जवाब मिलने के बाद अगली सुनवाई होगी, जिसमें यह तय किया जाएगा कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जानी चाहिए। अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की गई है।