सांकेतिक तस्वीर।
याचिकाकर्ता अमन दुबे, आकांक्षा बाजपेयी, श्वेता पाठक, अजित तिवारी, रौनक चौबे तथा राहुल शर्मा की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि वह ईडब्ल्यूएस वर्ग के अभ्यार्थी थे। मैरिट लिस्ट में उच्च अंक होने के बावजूद भी उन्हें आदिवासी विभाग में नियुक्ति प्रदान की गई है। उन्होंने अपनी कैटेगरी के अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग में पदस्थापना के लिए चॉइस फिलिंग की थी। पूर्व में दायर याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी मार्गदर्शी सिद्धांतों के अनुरूप याचिकाकर्ताओ को चॉइस फिलिंग के अनुसार नियुक्ति प्रदान करने के आदेश आयुक्त डीपीआई को जारी किए थे।
आयुक्त डीपीआई ने एक अन्य याचिका हाईकोर्ट द्वारा खारिज किए जाने का हवाला देते हुए उनके आवेदन को निरस्त कर दिया। जिसके कारण उक्त याचिका दायर की गई है। याचिका की सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने स्कूल शिक्षा विभाग तथा ट्रायबल वेलफेयर विभाग के प्रमुख सचिव तथा कमिश्नर डीपीआई को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि प्राथमिक शिक्षकों की समस्त भर्तियों को याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन रखा जाए। याचिकाकर्ताओ की तरफ से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं विनायक प्रसाद शाह पैरवी की।