इसरो का मौसम उपग्रह INSAT 3DS जीएसएलवी F14 श्री हरि कोटा के साथ लॉन्च किया

ISRO INSAT-3DS Launched: इसरो ने मौसम की सटीक जानकारी देने वाले सैटेलाइट इनसैट-3 डीएस (ISRO INSAT-3DS) को सफलता पूर्वक लॉन्च कर दिया है। आज शाम 5.35 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से इसे लॉन्च कर दिया गया। इसे GSLV F14 रॉकेट से लॉन्च किया गया है। यह मिशन मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंसेज द्वारा फाइनेंस किया गया है। आइए जानते हैं कितना महत्वपूर्ण काम करेगा इसरो का यह नया मौसमी सैटेलाइट।

इसरो ने वेदर सैटेलाइट INSAT-3DS को लॉन्च करने में सफलता पा ली है। इसका वजन 2274 किलोग्राम बताया गया है। लॉन्च होने के 19 मिनट 13 सेकेंड्स में ही यह 37000 किलोमीटर की ऊंचाई पर जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) यानी पृथ्वी की ऊपरी कक्षा में पहुंच गया। यह सैटेलाइट पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत आने वाले कई विभागों जैसे भारतीय मौसम विभाग (IMD), राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान (NIOT), राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र, भारतीय राष्ट्रीय समुद्र सूचना सेवा केंद्र को सूचनाएं देगा।

INSAT-3DS के साथ भारतीय स्पेस रिसर्च सेंटर ने इमेजर पेलोड, साउंडर पेलोड, डेटा रिले ट्रांसपोंडर और सैटेलाइट एडेड सर्च एंड रेस्क्यू ट्रांसपोंडर भेजा है। इन सभी के जरिए कोहरे, बादल, बारिश, बर्फ, आग, धुंआ आदि की जानकारी संबंधित विभागों को मिलती रहेगी। सैटेलाइट ले जाने वाले रॉकेट की लंबाई 51.7 मीटर है। इससे पहले ISRO ने 1 जनवरी को PSLV-सी58/एक्सपोसैट मिशन का सफल लॉन्च किया था।

INSAT सैटेलाइट सीरीज लॉन्च की बात करें तो इससे पहले INSAT-3DR सैटेलाइट लॉन्च किया गया था जो 8 सितंबर 2016 में लॉन्च हुआ था। INSAT सीरीज के सैटेलाइट इसरो ने देश के कम्युनिकेशन, टेलीकास्ट, मौसम विज्ञान, और सर्च एंड रेस्क्यू मिशनों की जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाए हैं। अब तक सीरीज के 6 सैटेलाइट लॉन्च किए जा चुके हैं। जियो स्टेशनरी सैटेलाइट्स की शुरुआत 1983 में हुई थी। यह एशिया कर्नाटक के हासन और मध्य प्रदेश के भोपाल से इस सैटलाइट सिस्टम की निगरानी और कंट्रोल किया जाता है।

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