जब फेल होने पर मिली सीख
अपनी असफलताओं के बारे में पूछे जाने पर वह केवल एक ही बात कहती हैं कि लोग आपको सफलता के लिए तैयार करते हैं लेकिन कोई भी आपको विफलता के लिए तैयार नहीं करता है। वह कहती हैं कि उन्हें याद है कि जिस दिन वह 12वीं कक्षा के इकोनॉमिक्स और कक्षा 10वीं के केमिस्ट्री के पेपर में फेल हो गई थी, उस दिन मैंने खुद को कैसे कोसा था।हालांकि अब वह अपने जीवन की इन असफलताओं को सीख के रूप में सोचती है जिसने उनके भविष्य को आकार दिया। क्योंकि इस दौरान मुझे पता चला कि कभी भी लास्ट मिनट की पढ़ाई पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। जिसके बाद उन्होंने अपनी पढाई को काफी गंभीरता से लिया। स्कूल की पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने जयपुर से ही बीएससी और एमबीए की पढ़ाई पूरी की थी और कॉलेज के दौरान गोल्ड मेडल भी जीता था।
कैसे की थी UPSC की तैयारी
यूपीएससी सिविल सर्विसेज की पढ़ाई के दौरान अंजू शर्मा ने भी यही रणनीति अपनाई। उन्होंने परीक्षा की तैयारी काफी पहले से ही शुरू कर दी थी। वह स्कूल की तरह लास्ट मिनट की तैयारी पर निर्भर नहीं रहना चाहती थी। इसलिए समय से पहले उन्होंने अपना सिलेबर पूरा कर लिया था। बता दें, UPSC की परीक्षा से एक दिन से पहले वह खुद को स्वतंत्र महसूस कर रही थी। बता दें, अंजू ने 1991 में राजकोट के असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में अपना करियर शुरू किया था।
आपको बता दें, इन दिनों IPS ऑफिसर मनोज शर्मा की जीवन पर बनी फिल 12th फेल काफी चर्चा में है। मनोज शर्मा भी अपने स्कूल के दिनों में कक्षा 12वीं में फेल हो गए थे। जिसके बाद उन्होंने अपनी काबिलियत को परखा और UPSC की परीक्षा की तैयारी में जुट गए और आखिरकार परीक्षा पास करने में सफल रहे। इन अधिकारियों की कहानी दर्शाती है, कि हर छात्र के अंदर हुनर छिपा होता है। अगर कोई छात्र जीवन के किसी हिस्से में असफलता का सामना करना है तो इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि वह काबिल नहीं है।