बस्तों के बोझ तले दबता मासूम बचपन जांच रिपोर्ट देखने तक का नहीं समय

बच्चे के वजन का दस प्रतिशत होना चाहिए स्कूल बैग

पिछले दिनों जिला शिक्षा अधिकारी ने बच्चों के बैग के वजन जानने समिति का गठन किया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट दे दी, लेकिन विभागीय अधिकारी को उस रिपोर्ट को देखने तक का समय नहीं मिला है। ऐसे में शहर में किसी भी स्कूल के केजी लेवल के बच्चे के बैग का वजन 2 किलो से ज्यादा जारी है। स्कूलों को एडवाइजरी जारी की गई है उसके अनुसार बैग का वजन अधिकतम 5 से 6 किलो तक ही होना चाहिए।

बस्तों का वजन कम होता नजर नहीं आया

स्कूल शुरू हुए कुछ महीने हो चुके हैं, लेकिन बस्तों का बोझ कम होता नजर नहीं आया। पत्रिका ने स्कूल पहुंच रहे बच्चों के बैग के वजन की पड़ताल की। हालात चिंताजनक सामने आए। लगभग हर क्लास में बच्चे गैर जरूरी बोझ के साथ स्कूल पहुंच दिखे। चिंताजनक बात यह है कि कमीशन के चक्कर में निजी स्कूल संचालक हर साल बच्चों के बैग का वजन बढ़ाते जा रहे हैं। इसे कम करने के लिए न ही स्कूल स्तर पर कोई पहल हो रही है और न ही शिक्षा विभाग द्वारा कोई कार्रवाई की जा रही है। हालांकि स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूल बैग के वजन को लेकर आदेश जारी किए थे। इन आदेशों का पालन कहीं होता दिखाई नहीं दिया। बैग का वजन बढ़ाने के मामले में प्राइवेट स्कूल आगे हैं। बच्चों के अभिभावक भी चाहते हैं कि बैग का वजन कम हो। वे हर साल स्कूल खुलने पर इसे लेकर स्कूल प्रबंधन से बात भी करते रहे हैं, लेकिन इसे लेकर कोई निर्णय नहीं हो पाता है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी बच्चों के बैग का वजन कम करने पर जोर दिया गया है। वर्ष 2023 में ही स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूल बस्तों के वजन को लेकर एक आदेश जारी किया था। जिसमें बच्चों के स्कूल बैग का वजन निर्धारित किया गया था। इस आदेश के तहत शिक्षा विभाग को सभी स्कूलों का निरीक्षण कर आदेश का परिपालन कराया जाना था। विभाग की ओर से औपचारितका निभाई गई, लेकिन सार्थक होती नजर नहीं आई। अधिकारियों ने स्कूलों का निरीक्षण किया, वैधानिक कार्रवाई कहीं दिखाई नहीं दी।

आदेश तो हैं पर परिपालन नहीं होता

बच्चों के स्कूल बैग के वजन निर्धारण को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश तो जारी किए हैं, लेकिन इन आदेशों का परिपालन नहीं कराया जाता है। शिक्षा विभाग का कहना है कि उन्होंने प्रत्येक स्कूलों की जांच के लिए कमेटी बनाई है। कमेटी में स्थानीय नागरिक, शिक्षा विभाग के अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी शामिल हैं। रेंडम तरीके से स्कूलों में बस्तों के वजन की जांच कराते हैं। हर महीने यह जांच होती हैं। पत्रिका ने स्कूलों में जब पड़ताल की तो पाया बच्चे बैग में निर्धारित वजन से ज्यादा बोझ उठा रहे हैं। अब तक अधिकारी ने जांच रिपोर्ट ही नहीं देखी है।

जांच कराई थी

स्कूलों में टीम भेजकर बस्तों के वजन की जांच कराई थी। जांच के क्या नतीजे आए थे इसकी जानकारी लेकर ही बता पाऊंगा। स्कूल संचालकों को निर्देश भी दिए थे। बस्तों का बोझ अधिक है तो फिर से जांच करा लेंगे।

– सीके शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी

गाइड लाइन में बस्ते में यह वजन निर्धारित

पहली कक्षा 1.6-2.2 किग्रा

दूसरी कक्षा 1.6-2.2 किग्रा

तीसरी कक्षा 1.7-2.5 किग्रा

चौथी कक्षा 1.7-2.5 किग्रा

पांचवीं कक्षा 1.7-2.5 किग्रा

छठवीं कक्षा 2-3 किग्रा

सातवीं कक्षा 2-3 किग्रा

आठवीं कक्षा 2.5-4 किग्रा

नौवीं कक्षा 2.5-4 किग्रा

दसवीं कक्षा 2.5-4.5 किग्रा

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