अस्पताल स्टाफ बनकर अंदर घुसा
सिविल सर्जन डॉ. निलय जैन ने बताया कि चोर ने बड़ी चालाकी से स्टाफ बनकर गार्ड को गुमराह किया और ट्रामा सेंटर के स्टोर रूम का ताला तोड़कर सीधे अंदर घुस गया। स्टोर से उसने फैक्टर-8 इंजेक्शन के चार बड़े कार्टून निकाले और फरार हो गया। डॉ. जैन के मुताबिक, जिस तरह से चोरी को अंजाम दिया गया है, उससे लगता है कि चोर को अस्पताल की गतिविधियों और दवा भंडारण की पूरी जानकारी थी। इससे यह आशंका जताई जा रही है कि चोरी में किसी अंदरूनी व्यक्ति की भूमिका हो सकती है।
क्या है फैक्टर-8 इंजेक्शन?
फैक्टर-8 एक बेहद महंगा और दुर्लभ इंजेक्शन होता है, जिसका उपयोग जन्मजात रक्तस्राव विकार (हीमोफीलिया) से पीड़ित मरीजों के इलाज में किया जाता है। इसकी कीमत हजारों में होती है और यह सरकारी स्टोर में सीमित मात्रा में उपलब्ध होता है।
पुलिस जांच शुरू
घटना के बाद कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज कर CCTV फुटेज के आधार पर जांच शुरू कर दी है। अस्पताल प्रबंधन ने भी ट्रामा सेंटर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए सख्त कदम उठाने की बात कही है।