अवैध कोठी तोड़ी।
अफसरों के अनुसार में काफी अवैध निर्माण किया गया था और पटेल को नोटिस भी दिया गया था। नोटिस मिलने के बाद पटेल ने वकील के माध्यम से याचिका दायर की थी। याचिका पर रविवार को अर्जेंट सुनवाई होना है, लेकिन उससे पहले अफसरों ने पटेल की कोठी तोड़ डाली। पटेेल की कोठी सरकारी काकड़ पर बनाई गई थी। अफसरों ने शनिवार रात को कोठी तोड़ने की रणनीति बना ली थी।
दो मंजिला कोठी बना ली थी
गांव बरदरी और भौरासला के बीच सरकारी कांकड़ की जमीन पर कब्जा कर कोठी बनाई गई थी। कोठी के चारों तरफ छह फीट ऊंची बाउंड्रीवाल बनाई गई थी, जबकि 15 फीट ऊंचे गेट भी थे। पटेल पर आरोप है कि कोठी के आसपास की काकड़ की जमीन पर कुछ दुकानेें भी बना ली थी। जिनसे पटेल किराया वसूलता था। इसके अलावा कुछ आदिवासियों के पट्टे भी खरीद लिए थे।
नशे में गार्ड ने की थी फायरिंग
सुरेश पटेल ने अरविंदो अस्पताल की जमीन पर कब्जा किया था। कोर्ट के निर्देश पर तहसीलदार और पटवारी कब्जा दिलाने पहुंचे थे, लेकिन तब नशे में धुत सुरक्षागार्ड ने अफसरों पर फायरिंग कर दी थी। अफसरों को मौके से भाग कर जान बचाना पड़ी थी। अफसरों की शिकायत पर आरोपी प्रदीप मिश्रा, जयकुमार, जयदीप मिश्रा, सुरेश पटेल पर सरकारी काम मेें बाधा डालने का केस भी दर्ज किया गया था। चारोंं आरोपियों पर रासुका भी लगाई गई। पटेल मंत्री तुलसी सिलावट का खुद को समर्थक बताता है।
इसके बाद अफसर जान बचाकर भागे थे। उधर पटेल परिवार का कहना है कि अरविंदो अस्पताल प्रबंधन के गार्डों ने बदसलूकी की थी। सुरक्षा कारणों से गार्ड ने हवाई फायर किए थे।