
लोकायुक्त पुलिस इंदौर ने तहसीलदार राम पगारे के कार्यालय में रीडर को रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। बताया जा रहा है ये रिश्वत रीडर द्वारा भूखंड के नामांतरण हेतु मांगी जा रही थी। इस बारे में लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल ने बताया कि सिलमपुरा निवासी रोहित सिंह वर्मा ने एसपी लोकायुक्त को रीडर द्वारा दो प्लाटो के नामांतरण के लिए पांच हजार रुपये रिश्वत मांगने की शिकायत की थी।
ये प्लाट मेक्रो विजन स्कूल के पास आनंद नगर में खरीदे गए थे। जिसके बाद ये कार्रवाई पूरी की गई। कार्रवाई के बाद तहसील कार्यालय में हड़कंप मच गया।
बहन के नाम पर खरीदे थे प्लॉट
बताया जा रहा है कि रोहित ने अपनी बहन के नाम से दो प्लॉट लिए थे। इनके नामांतरण के लिए करीब तीन महीने पहले उन्होंने आवेदन दिया था। जिसके बाद से रीडर लगातार बात को टालते रहे। मामला आगे बढ़ा तो रविवार को उन्हें फोन लगाकर कहा कि आपने यहां प्लॉट लिए हैं, वहां के 2500 रुपये प्रति प्लॉट का रेट है, यह आपको देना होंगे।
25 नवंबर को ट्रैप दल का गठन किया गया और तहसील कार्यालय बुरहानपुर के रीडर अशोक कुशवाहा को उनके कार्यालयीन कक्ष में 3500 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ ट्रैप किया गया। आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा-7, के अंतर्गत बुरहानपुर सर्किट हाउस में कार्यवाही की गई ।
तय कर रखे थे तीन हजार रुपये
सामने आया है कि रिश्वत का ये खेल बीते लंबे समय से चल रहा था। बिना रिश्वत लिए फाइलों को आगे नहीं बढ़ाया जाता था। रीडर ने प्रत्येक नामांतरण के लिए तीन हजार रुपये तय कर रखे थे। डीएसपी लोकायुक्त ने बताया कि आरोपित के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। जांच में यदि अन्य किसी की संलिप्तता सामने आती है तो उसे भी सह आरोपित बनाया जाएगा।