Indore News: जीवन साउंड थैरेपी से बदल रही लोगों की जिंदगी

Sound Therapy indore news

प्रेस वार्ता में बात करतीं सुजाता सिंघी।

संगीत शुरू से ही चिकित्सा के लिए बना है। संगीत में जितने भी राग हैं, सभी हमारे शरीर के लिए किसी न किसी तरह से हमारी बाॅडी को रिलेक्स करते हैं। यही कारण है कि कई बार आज के व्यस्त दौर में डॉक्टर हमें शोर से दूर रहने की सलाह देते हैं। वहीं जब हमारी सोच सही होती है बाॅडी भी शांत होती है और जब हमें एजाइंटी और टेंशन में होती है तो हमें समस्याएं होती हैं। इसीलिए जब साउंड एक्टिव होता है तो हमारी बाॅडी रिलेक्स होती है। इसी प्रकार से साउंड थैरेपी काम करती है और कई बीमारियों का इलाज साउंड थैरेपी से होता है। यह कहना है साउंड थैरेपिस्ट डॉक्टर सुजाता सिंघी का। जो पावर ऑफ साउंड, कट द बकवास सहित कई किताबें लिख चुकी है। वे अब तक 5 लाख से अधिक लोगों का जीवन साउंड थैरेपी के माध्यम से बदल चुकी हैं।

डॉक्टर सुजाता सिंघी ने कहा कि जब से हम जन्म लेते हैं, तब से ही साउंड का हमारे जीवन में काफी महत्व रहता है। जब बच्चा पहली बार रोता है तब वह किस वर्ण में रोता है, उसके ऊपर ही उसकी जीवनी होती है। जैसे मशहूर म्युजिक डायरेक्टर पंचम दा का नाम उनके रोने के वर्ण पर ही पड़ा था। उन्होंने जब जन्म लिया था तब वें पंचम वर्ण में ही रोए थे। इसीलिए उनका नाम पंचम दा पड़ा था। इसीलिए कहा जाता है कि हमारे जीवन में ध्वनि बड़ी ही महत्वपूर्ण होती है।

डॉक्टर सुजीता ने ईयरफोन और हेडफोन के ज्यादा इस्तेमाल को लेकर कहा कि जब ईयरफोन लगाकर कुछ सुनते हैं तो हमारे साउंड सीधा हमारे कानों में जाता है, जो नहीं जाना चाहिए। साउंड बाहर से होकर जाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है तो यह हमारे कान और दिमाग पर सीधा असर करता है। यही कारण है कि आज के दौर में जो बच्चे ज्यादा देर ईयरफोन का इस्तेमाल करते हैं तो नसों में सूजन आ जाती है। सेंसेटिविटी खो जाती है और बहरे हो जाते हैं जैसी कई गंभीर समस्या होती है। इसीलिए जब आप ईयरफोन का इस्तेमाल करते हैं तो एक शेड्यूल का बनाएं ताकि इन बीमारियों से बच सकें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This will close in 0 seconds

error: Content is protected !!