प्रेस वार्ता में बात करतीं सुजाता सिंघी।
डॉक्टर सुजाता सिंघी ने कहा कि जब से हम जन्म लेते हैं, तब से ही साउंड का हमारे जीवन में काफी महत्व रहता है। जब बच्चा पहली बार रोता है तब वह किस वर्ण में रोता है, उसके ऊपर ही उसकी जीवनी होती है। जैसे मशहूर म्युजिक डायरेक्टर पंचम दा का नाम उनके रोने के वर्ण पर ही पड़ा था। उन्होंने जब जन्म लिया था तब वें पंचम वर्ण में ही रोए थे। इसीलिए उनका नाम पंचम दा पड़ा था। इसीलिए कहा जाता है कि हमारे जीवन में ध्वनि बड़ी ही महत्वपूर्ण होती है।
डॉक्टर सुजीता ने ईयरफोन और हेडफोन के ज्यादा इस्तेमाल को लेकर कहा कि जब ईयरफोन लगाकर कुछ सुनते हैं तो हमारे साउंड सीधा हमारे कानों में जाता है, जो नहीं जाना चाहिए। साउंड बाहर से होकर जाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है तो यह हमारे कान और दिमाग पर सीधा असर करता है। यही कारण है कि आज के दौर में जो बच्चे ज्यादा देर ईयरफोन का इस्तेमाल करते हैं तो नसों में सूजन आ जाती है। सेंसेटिविटी खो जाती है और बहरे हो जाते हैं जैसी कई गंभीर समस्या होती है। इसीलिए जब आप ईयरफोन का इस्तेमाल करते हैं तो एक शेड्यूल का बनाएं ताकि इन बीमारियों से बच सकें।