विरोध के बीच इंदौर में तोड़े मकान
अफसर कोर्ट के आदेश का हवाला देकर मकान तोड़ने पर आमदा थे। आखिरकार निर्माणाधीन मकानों को हटाने पर सहमति बनी। जिन मकानों में लोग रह रहे है,फिलहाल उन्हें नहीं तोड़ा गया, लेकिन उन्हें स्वेच्छा से मकान हटाने के नोटिस नगर निगम द्वारा पहले ही दिए जा चुके है।
शुक्रवार सुबह सात बजे नगर निगम का अमला पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गया था। मुहिम शुरू करने से पहले महिलाएं विरोध करने लगी। कुछ युवक जेसीबी के सामने खड़े हो गए। महिलाएं चीखने के अलावा अफसरों के सामने रोने लगी। उनका कहना था कि हमने कर्ज लेकर मकान बनाए। सभी मध्यमवर्गीय परिवार है।
मकान टूट गए तो कहां जाएंगे? अफसरों ने कहा कि जमीन को कब्जे से मुक्त कराने के निर्देश कोर्ट ने दिए है। हमें तो कोर्ट आदेश का पालन करना हैै। आखिरकार निर्माणाधीन मकानों को तोडने का फैसला लिया गया। इस जमीन का मामला कई वर्षों से कोर्ट में है। सुप्रीम कोर्ट ने जमीन के मामले में श्रीराम बिल्डर्स के पक्ष में फैसला सुनाया है और कब्जे हटाने के निर्देश दिए है। इस जमीन पर बीते 10 सालों में मकान बने है।