पुराने रिकार्ड में भी स्लैब की लापरवाही नजर आई।
उसके स्पोर्ट के लिए न पिलर थे न बीम, बस चार इंच के खोखले एंगलों को वेल्डिंग कर डुप्लेक्स का स्ट्रक्चर तैयार कर लिया गया था। छत भरने के बाद उसके तराफे 21 दिन तक नहीं हटाए जाते है, लेकिन रिसोर्ट की छत के तराफे हटाने के लिए भी जल्दबाजी की गई।
छत पर ईटों के ढेर भी रखे गए थे। बारिश में छत और ईट भीग रही थी। इसके बाद छत का वजन लोहे के एंगल सहन नहीं कर पाए और वेल्डिंग उखड़ गई। हादसे की असली वजह भी यही रही। जिसके कारण पांच लोगों को अपनी जान गंवाना पड़ी।
यह रिसार्ट विकास पिता श्रीनिवास डबकारा, अनाया पति भरत डेम्बला, विहाना पति जतिन डेम्बला ने बनाया था। उनके खिलाफ भी पुलिस ने केस दर्ज किया हैै। रिसाॅर्ट में पहले बन चुके सात निर्माणों में भी इसी तरह की लापरवाही बरती गई हैै। जरा सा झटका देने पर उनकी भी छत हिलती हैै। छत भरने के बाद टाईल्स लगाकर उसे और वजनी किया गया है। मौके पर पहुंचे लोक निर्माण विभाग के अफसरों ने उन निर्माणों की भी जांच की है।
वेल्डिंग फेल हुई
स्ट्रक्चरल इंजीनियर अतुल शेठ का कहना है कि जो छत गिरी, वह नहीं टूटी बल्कि वेल्डिंग फेल हुई है। छत यदि भरभरा कर गिरती तो हो सकता है कि मजदूरों की जान बच जाती लेकिन एंगल टूटने के बाद वजनी छत सीधे मजदूरों पर गिरी।