इंदौर में अभ्यास मंडल की 64वीं व्याख्यानमाला का शुभारंभ हो चुका है। रविवार को वायुसेना की पूर्व विंग कमांडर अनुमा आचार्य ने भारतीय सेनाओं में महिलाओं की भूमिका विषय पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि सेना में महिलाओं की स्थिति अच्छी है, लेकिन उनकी संख्या बढ़ाई जाना चाहिए। कम से कम 25 प्रतिशत महिलाएं सेना में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी सेना विश्व की सबसे बेहतर है, क्योंकि ट्रेनिंग के साथ हमारी सेना में जज्बा भी है।
उन्होंने कहा कि 33 सालों के बाद अब महिलाओं को सेना अध्यक्ष बनते हुए देखेंगे। एनडीए के जरिए भी सेना में महिलाएं जा रही हैं। महिलाओं को ट्रेनिंग देकर सेना उन्हें एक धरोहर बनाती है और वे बेहतर तरीके से काम करती हैं।
पूर्व विंग कमांडर आचार्य ने बताया कि सेना में भर्ती के समय नेतृत्व श्रमता, समस्याओं से निपटने का तरीका, सकारात्मकता देखी जाती है। जब सेना में महिलाओं के लिए भर्ती निकली गई तो पद नौ थे, लेकिन अभ्यर्थी पचास हजार। पहली बार में तो मेरा सिलेक्शन नहीं हुआ, लेकिन दूसरी बार एयरफोर्स एकेडमी में चयन हुआ। एयरफोर्स ने पहली बैच की महिला अधिकारियों को वरिष्ठ अधिकारियों ने बेटियों जैसा रखा, लेकिन ट्रेनिंग में कोई भेदभाव नहीं किया। हमें पुरुषों की तरह सख्त ट्रेनिंग दी गई। हम वर्दी पहनते हैं तो डर गायब हो जाता था, लेकिन महिला अधिकारियों को परमानेंट सर्विस कमीशन के लिए कोर्ट तक लड़ाई लड़ना पड़ी, लेकिन हमारी जीत हुई। उन्होंने बताया कि महिला अधिकारियों पर सैनिक ज्यादा विश्वास करते हैं। उनसे मदद मांगते हैं।