समिति सदस्य पहुंचे सराफा।
समिति अध्यक्ष राजेंद्र राठौर ने कहा कि सराफा अब पहले जैसा नहीं रहा। ज्यादातर लोग यहां व्यजंन सिलेंडरों पर बनाते है। परिवार भी रहते है। निर्मित परिस्थितियों के हिसाब से सराफा बारूद के ढेर पर बैठा है।
रात को समिति सदस्य राजेंद्र राठौर, निरंजन सिंह चौहान, राकेश शर्मा ने आधा किलोमीटर में फैली चौपाटी का दौरा किया। सदस्यों ने दुकानदारों से पूछा कि व्यजंन बनाते समय फायर सेफ्टी का कितना ध्यान रखा जाता है।
हादसा होने की स्थिति में बचाव के क्या उपाय रखे है। सदस्यों से मिलने सराफा क्षेत्र के रहवासी भी आ गए। उन्होंने बताया कि दो माह पहले सराफा के एक मकान में आग लग चुकी है। संकरी गलियों के कारण दमकलें भी यहां नहीं पहुंच पाई थी। चौपाटीवालों ने सुरक्षा के इंतजाम नहीं कर रखे है। छोटा हादसा भी यहां बड़ा रुप ले सकता है।
कंपनी देगी 20 फरवरी तक रिपोर्ट
सराफा में अवंतिका गैस कंपनी के अफसरों ने दौरा किया। गली में गैस पाइप लाइन बिछाई जा सकती है या नहीं, इसके लिए सर्वे शुरू हो गया है। 20 फरवरी तक कंपनी अपनी रिपोर्ट तैयार कर नगर निगम को सौंपेगी।
अध्यक्ष बोले-सभी विकल्पों पर विचार करेंगे
समिति अध्यक्ष राजेंद्र राठौर ने कहा कि सराफा में पहले दुकानदार व्यजंन घरों में तैयार करते थे और सराफा में लाकर बेचते थे, लेकिन अब पहले जैसी बात नहीं है। ज्यादातर दुकानदार चौपाटी में व्यंजन बनाते है। पनीर टिक्का के लिए तो कोयले भी जलाए जा रहे है। चौपाटी कहा शिफ्ट हो सकती है या मौजूदा स्थान पर क्या उपाय किए जाए। इन सभी विकल्पों पर विचार किया जाएगा।