
rape demo, सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : फाइल फोटो
अधिवक्ता रजत रघुवंशी ने बताया कि बाणगंगा थाने में दर्ज मामले में आरोपी मन और अनुज को बरी किया गया है। दोनों पर पाक्सो और अन्य धाराओं में केस दर्ज थे। रजत ने बताया कि कोर्ट में युवती और उसकी मां युवती के बालिग होने के साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाई। युवती ने शिकायत में यह भी बताया था कि दोनों आरोपी उसे बाइक पर जबरदस्ती हाथ पांव बांधकर बैठाकर ले गए थे। युवती की एक सहेली ने इस बात को भी खारिज करते हुए बयान दिया कि युवती खुद उसके सामने युवक के साथ सहमति से गई थी। कोर्ट ने यह भी पाया कि युवक और युवती के बीच प्रेम संबंध थे। इन सभी आधार पर कोर्ट ने मन और अनुज को बरी किया।
मां के दबाव में दर्ज करवाया था केस
युवती ने अपनी मां के दबाव में युवक और उसके दोस्त पर केस दर्ज करवाया था। युवती की मां को दोनों के बीच प्रेम संबंध की भी जानकारी नहीं थी। कोर्ट में युवती की मां युवती के जन्म से संबंधित दस्तावेज भी पेश नहीं कर पाई। जो जन्म प्रमाण पत्र दिया गया वह इंदौर में बना था और युवती का जन्म उप्र के बलिया में हुआ था। इस आधार पर कोर्ट ने वह जन्म प्रमाण पत्र खारिज कर दिया। कोर्ट ने युवती की मां से शादी का समय पूछा और उस आधार पर युवती के जन्म का समय जांचा। इसमें युवती घटना के वक्त बालिग निकली।