लहसुन
हाईकोर्ट की इंदौर बैंच ने 9 साल पुराने मामले में फैसला सुनाया हैै।मंडी अधिनियम के तहत लहसुन को चटनी व मसाला श्रेणी में मानकर रखा जाता था, लेकिन अब इस उपज को अनाज मंंडी के साथ सब्जी मंडी में भी बेचा जा सकेगा। बिक्री के ज्यादा विकल्प नहीं होने के कारण कई बार किसानों को लहसुन के ज्यादा दाम नहीं मिल पाते थे।
कोर्ट ने कहा कि किसान अपनी उपज कही भी बेच सकता है। किसान के पास लहसुन को कृषि उपज मंडी में थोक खरीदार को बेचने का विकल्प रहेगा और वह सब्जी मंडी मेें कमिशन एजेंट के जरिए भी लहसुन को बेच सकता है।
इंदौर मेें लहसुन अलग मंडी में मिलता था और बाकी सब्जियां अलग बिकती है। अब लहसुन सब्जी मंंडी में भी बिकते नजर आएंगे। प्याज को पहले ही सब्जी की कैटेगरी मेें रखा गया है, लेकिन लहसुन को मसाला या चटनी माना जाता था। दरअसल आलू प्याज एसोसिएशन ने रिव्यू याचिका लगाई थी।
बोर्ड ने लहसुन को कृृषि उपज मंडी में बेचने के निर्देश दिए थे। वर्ष 2016 में इस आदेश केे खिलाफ एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में अपील की थी। तब सिंगल बैंच ने एसोसिएशन के पक्ष में फैसला सुनाया था, लेकिन बाद में फिर इस मामले में रिव्यू याचिका लगाई थी तो हाईकोर्ट ने लहसुन को चटनी मसाला श्रेणी मेें रख दिया था। नए सिरे से लगी रिव्यू याचिका में हाईकोर्ट ने वर्ष 2017 के आदेश को बहाल कर दिया।