Indore Candidates Bjp And Rss Have Only One Concern That How To Get More Voting In Lok Sabha Seat – Amar Ujala Hindi News Live

मप्र लोकसभा चुनाव।

कांग्रेस उम्मीदवार द्वारा नामांकन वापस लिए जाने के बाद इंदौर में भाजपा की राह भले ही आसान हो गई हो, लेकिन चुनाव को लेकर मतदाता की उदासीनता ने उसकी नींद उड़ा रखी है। भाजपा संगठन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और पार्टी उम्मीदवार शंकर लालवानी की एक ही चिंता है कि आखिर मतदान के लिए वोटर को घर से बाहर कैसे निकालें। भाजपा अपने पन्ना प्रभारी, मंडल की टीम और बूथ स्तर के नेटवर्क के भरोसे है तो संघ ने शाखा स्तर के नेटवर्क को सक्रिय करने के साथ ही आनुषांगिक संगठनों की भी मदद ली है। पार्टी उम्मीदवार ने अपनी टीम को सक्रिय किया है और सामाजिक संगठनों में भी घुसपैठ कर रहे हैं।

ज्यादा से ज्यादा मतदान कैसे हो?

पिछले तीन दिन से अलग-अलग स्तर पर ये कवायद चल रही है कि ज्यादा से ज्यादा मतदान कैसे हो। अलग-अलग एजेंसियों से जो फीडबैक मिला है, उससे यही संकेत मिल रहे हैं कि कांग्रेस उम्मीदवार द्वारा नामांकन लेने के बाद जो स्थिति बनी है, उसमें भाजपा को भी बड़ा नुकसान हो रहा है। चुनाव को लेकर लोगों में किसी तरह का उत्साह नहीं है, पार्टी कार्यकर्ता भी कन्नी काटने लगे हैं। संगठन का मानना है कि कार्यकर्ताओं को तो जैसे-तैसे मैदान में ले आएंगे और मतदान के दिन वे पूरी मुस्तैदी से अपना बूथ संभाल लेंगे। लेकिन, आम नागरिक की जो उदासीनता है, उसे कैसे दूर किया जाए।

भाजपा को सीधा नुकसान हो सकता है

संगठन और संघ में जिम्मेदार पदों पर बैठे कई लोगों का मानना है कि एक बड़ा वर्ग इस बात से नाखुश है कि आखिर भाजपा के दिग्गजों ने कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन इस तरह दबाव डालकर वापस क्यों कराया? वे इसे सत्ता और अपने राजनीतिक प्रभाव का दुरुपयोग बताते हुए कहते हैं कि इसका फायदा कम और नुकसान ज्यादा होगा। शहर का प्रबुद्ध वर्ग, वरिष्ठ नागरिक और बड़ी संख्या में युवाओं ने भी इसे ठीक नहीं माना है। इनके साथ ही एक बड़ा वर्ग ऐसा है, जो अब चुनाव से दूरी बनाकर चल रहा है। यदि इनकी चुनाव को लेकर यही उदासीनता रही तो जीत की स्थिति में होने के बावजूद भाजपा को इसका सीधा नुकसान होगा। इन सारे मुद्दों को ध्यान में रखते हुए ही भाजपा अपने हर स्तर के नेटवर्क के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा मतदान करवाने के अभियान में जुट गई है। पार्टी का प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व भी इस मामले में सक्रिय है और स्थानीय नेतृत्व को समय-समय पर निर्देश भी दे रहे हैं।

सामाजिक संगठनों की मदद भी ली जा रही

संघ ने भी शत-प्रतिशत मतदान के अपने अभियान को गति दे दी है। अलग-अलग समूहों में चल रही बैठकों के साथ ही घर-घर संपर्क अभियान में भी तेजी लाई गई है। रविवार को इसे वृहद स्तर पर संचालित किया जाएगा। संघ को मैदान से जो फीडबैक मिल रहा है, वह भाजपा तक भी पहुंचाया जा रहा है। पार्टी उम्मीदवार शंकर लालवानी से जुड़े लोग अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में सक्रिय हो गए हैं। ये लोग छोटे-छोटे समूहों में बैठक कर रहे हैं और जो लोग वोटों के समूह पर प्रभाव रखते हैं, उनसे भी मिल रहे हैं। सामाजिक संगठनों की भी मदद ली जा रही है। खुद लालवानी रोज रात अपनी कोर टीम के साथ दिनभर के कामकाज का फीडबैक लेते हैं।

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