रिमुूवल गैंग कर्मचारियों को सेना जैसी ड्रेस पहनाई।
इंदौर मेें रिमूवल अमला शहर की सड़कों से अतिक्रमण हटाने का काम करता है। कई बार काम के दौरान विवाद की स्थिति निर्मित होती है। वैसे नगर निगम कर्मचारियों के लिए नीले रंग का ड्रेसकोड लागू है। अतिक्रमण हटाने के दौरान कई बार लोग निगमकर्मियों से हाथापाई करते है। पिछले दिनों मालवा मिल पर निगम के अमले पर लोगों ने पथराव भी कर दिया था।
इन घटनाअेां को देखते हुए निगमायुक्त ने सेना जैसा ड्रेस कोड रिमूवल गैंग के लिए लागू किया। निगमायुक्त का इस बारे में कहना है कि काम के दौरान होने वाले विवादों से ड्रेस कोड के कारण बचा जा सकता है। इसलिए यह प्रयोग किया गया।
कांंग्रेस प्रवक्ता प्रमोद द्विवेदी का कहना है कि नगरीय प्रशासन विभाग ने कर्मचारियों के लिए ड्रेसकोड तय कर रखा हैै। निगमायुक्त को उसका पालन कराना चाहिए। सेना की वर्दी जैसी ड्रेस कर्मचारियों को पहनाना गलत है। सेना की वर्दी गर्व का विषय हैै। सैन्य विभाग बगैर अनुमति के उसके जैसे मिलते-जुलती ड्रेस का प्रयोग नहीं किया जा सकता है।
बाउंसरों पर हो चुका है विवाद
चार साल पहले तत्कालीन अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह ने रिमूवल गैैंग के कर्मचारियों को ब्लैक टीशर्ट और जींस का ड्रेसकोड लागू किया था। उसे पहनने के बाद कर्मचारी बाउंसरों जैैसा बर्ताव करने लगे थे। उनके इस ड्रेसकोड पर भाजपा के ही एक नेता ने आपत्ति दर्ज कराई थी। इसके अलावा कोरोनाकाल के दौरान होमगार्ड के जवानों को भी सेना की वर्दी के मिलते-जुलते रंग की ड्रेस पहनाने पर विवाद हो चुका है।