पंचकुइया पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर रामगोपाल दास महाराज के सानिध्य में श्री राम मंदिर पंचकुइया आश्रम में यज्ञ किया जा रहा है। महाराज ने बताया कि मंत्रों की शक्तियां न सिर्फ हमारा मनोबल बढ़ाती हैं बल्कि हमारे मनोरथ भी पूर्ण करती हैं। भगवान राम ने रावण से युद्ध के पहले शिव स्तुति की थी। रावण शिव भक्त था और भगवान राम ने शिवजी को प्रसन्न करने के लिए रामेश्वरम में शिवलिंग की स्थापना की और उनकी पूजा की।
युद्ध में यह मंत्र देते हैं शक्तियां
1. हनुमान मंत्र:
मंत्र: ॐ हं हनुमते नमः।
लाभ: हनुमान जी को बल, पराक्रम और साहस का प्रतीक माना जाता है। इस मंत्र का जाप करने से शक्ति, साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
2. दुर्गा मंत्र:
ॐ धिम्मया विहं भवं देवी नमस्ते।
लाभ: दुर्गा देवी को शक्ति और साहस की देवी माना जाता है। इस मंत्र का जाप करने से शत्रु पर विजय प्राप्त करने में मदद मिलती है।
3. राम मंत्र:
मंत्र: श्री राम जय राम जय जय राम।
लाभ: राम को मर्यादापुरुषोत्तम और विजय का प्रतीक माना जाता है। इस मंत्र का जाप करने से शत्रु पर विजय प्राप्त करने में मदद मिलती है और मन में शांति और स्थिरता आती है।
4. शिव मंत्र:
मंत्र: ॐ नमः शिवाय।
लाभ: शिव को शक्ति और साहस का प्रतीक माना जाता है। इस मंत्र का जाप करने से शत्रु पर विजय प्राप्त करने में मदद मिलती है और मन में शक्ति और साहस का संचार होता है।
5. अपराजिता मंत्र:
मंत्र: ॐ अपराजितायै नमः।
लाभ: अपराजिता को अजेय माना जाता है। इस मंत्र का जाप करने से किसी भी परिस्थिति में विजय प्राप्त करने में मदद मिलती है।