
माखननगर । श्री माखनलाल चतुर्वेदी शासकीय महाविद्यालय माखननगर में आज मध्यप्रदेश के 70वें स्थापना दिवस (mp-sthapna-divas-2025) के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय विशेष कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS), भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ तथा स्वामी विवेकानंद करियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य डॉ. आई.एस. कनेश ने की।
कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक गरिमा के साथ मध्यप्रदेश गान से हुआ, जिसके बाद प्राचार्य डॉ. कनेश ने समस्त प्राध्यापकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों को मध्यप्रदेश स्थापना दिवस (mp-sthapna-divas-2025) की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि—“ऐसे आयोजन युवाओं में न केवल देशप्रेम की भावना जागृत करते हैं, बल्कि यह हमें अपने राज्य की ऐतिहासिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक विरासत से जोड़ते हैं। विद्यार्थियों को चाहिए कि वे सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ अपने भविष्य का निर्माण करें और नई शिक्षा नीति की भावना को आत्मसात करें।”
मध्यप्रदेश की पहचान और गौरव पर रोचक प्रस्तुतियाँ
प्रथम दिवस के कार्यक्रम में एनएसएस बालक इकाई के कार्यक्रम अधिकारी पंकज बैरवा ने मंच संचालन किया और मध्यप्रदेश के गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश को “भारत का हृदय प्रदेश” इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह देश के ठीक मध्य में स्थित है। साथ ही उन्होंने कहा कि—“मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट, सोया स्टेट और नदियों का मायका कहा जाता है। यहाँ नर्मदा, ताप्ती, चंबल और बेतवा जैसी जीवनदायिनी नदियाँ बहती हैं, जिन्होंने प्रदेश की संस्कृति और कृषि दोनों को सींचा है।”
भूगोल विभाग से डॉ. धर्मेंद्र सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश की भौगोलिक विशेषताओं पर विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने प्रदेश की कृषि उत्पादन, खनिज संपदा, औद्योगिक विकास और जनजातीय संस्कृति का उल्लेख करते हुए कहा कि— “मध्यप्रदेश अपने प्राकृतिक संसाधनों, अनाज उत्पादन, और विविध भौगोलिक स्वरूप के कारण देश के सर्वाधिक संपन्न राज्यों में से एक है।”
इतिहास, शिक्षा और प्रगति पर चर्चा
कार्यक्रम में भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ प्रभारी एवं एनएसएस जिला संगठक प्रो. दिग्विजयसिंह खत्री ने मध्यप्रदेश के ऐतिहासिक विकासक्रम पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जब 1 नवम्बर 1956 को मध्यप्रदेश (mp-sthapna-divas-2025) की स्थापना हुई थी, तब राजधानी नागपुर थी, जिसे बाद में भोपाल स्थानांतरित किया गया। उन्होंने राज्य पुनर्गठन के दौरान आई चुनौतियों और तत्कालीन सामाजिक परिस्थितियों का भी उल्लेख किया।
महाविद्यालय के ग्रंथपाल अजय मेहरा ने कहा कि बीते 70 वर्षों में मध्यप्रदेश ने शिक्षा, उद्योग, स्वास्थ्य और तकनीकी विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने नई शिक्षा नीति (NEP-2020) की सराहना करते हुए कहा कि यह नीति युवाओं को आत्मनिर्भर और नवाचार की दिशा में प्रेरित करती है। उन्होंने विद्यार्थियों को “स्वयं एप्लिकेशन” और “डिजिलॉकर” जैसी तकनीकी योजनाओं का लाभ लेने की सलाह दी।
प्रतियोगिताओं में दिखा विद्यार्थियों का उत्साह
स्थापना दिवस (mp-sthapna-divas-2025) के अवसर पर महाविद्यालय में कई रचनात्मक प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। इनमें रंगोली प्रतियोगिता, पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता और भाषण प्रतियोगिता प्रमुख रहीं। विद्यार्थियों ने “मध्यप्रदेश का गौरव”, “नवीन शिक्षा नीति”, “पर्यावरण संरक्षण” जैसे विषयों पर आकर्षक प्रस्तुतियाँ दीं।
इसके साथ ही, विद्यार्थियों को मध्यप्रदेश (mp-sthapna-divas-2025) की स्थापना यात्रा पर आधारित एक ऐतिहासिक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी दिखाई गई, जिसमें राज्य के गठन से लेकर वर्तमान तक की विकास यात्रा को दर्शाया गया। फिल्म के प्रदर्शन के दौरान विद्यार्थियों ने विशेष रुचि दिखाई और राज्य के गौरवशाली इतिहास से प्रेरणा ली।
आगामी दिनों में होंगे सांस्कृतिक और बौद्धिक कार्यक्रम
तीन दिवसीय इस आयोजन के तहत आगामी दिनों में देशभक्ति गीत, समूह नृत्य, निबंध लेखन, वाद-विवाद प्रतियोगिता जैसी गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी। इन प्रतियोगिताओं का उद्देश्य विद्यार्थियों में प्रतिस्पर्धात्मक भावना, सृजनशीलता और राज्य के प्रति गौरव की भावना को बढ़ावा देना है।
कार्यक्रम के अंत में छात्र स्वस्तिक रावत ने सभी अतिथियों और शिक्षकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस आयोजन ने विद्यार्थियों में नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार किया है।
कार्यक्रम में शिक्षकों की सराहनीय भूमिका
इस अवसर पर रासेयो बालिका इकाई कार्यक्रम अधिकारी डॉ. कविता दुबे, करियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. क्षमा मेहरा, श्रीमती मंजू मेहरा और अशोक मेहर की भूमिका सराहनीय रही। कार्यक्रम में सुश्री शिवानी मालवीय, डॉ. आकांक्षा यादव, डॉ. संगीता मिश्रा, श्रीमती सुषमा यादव, डॉ. सुमन अवस्थी सहित महाविद्यालय के समस्त स्टाफ और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
मध्यप्रदेश स्थापना दिवस (mp-sthapna-divas-2025) का महत्व
मध्यप्रदेश की स्थापना (mp-sthapna-divas-2025) 1 नवम्बर 1956 को “राज्य पुनर्गठन अधिनियम” के तहत हुई थी। भौगोलिक रूप से यह भारत का सबसे केंद्रीय राज्य है और इसे “हृदय प्रदेश” कहा जाता है। यह राज्य न केवल सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक है बल्कि जैव विविधता, पर्यटन स्थलों और ऐतिहासिक धरोहरों से भी समृद्ध है।
प्रदेश में सांची स्तूप, भीमबेटका की गुफाएँ, खजुराहो के मंदिर, मांडू, महेश्वर और उज्जैन जैसे ऐतिहासिक स्थल विश्व प्रसिद्ध हैं। राज्य ने कृषि, शिक्षा और उद्योग के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं।
माखननगर महाविद्यालय में आयोजित यह तीन दिवसीय (mp-sthapna-divas-2025) कार्यक्रम न केवल मध्यप्रदेश के गौरव को पुनः स्थापित करने का माध्यम है, बल्कि यह युवाओं को अपने राज्य की संस्कृति, इतिहास और जिम्मेदारी का बोध कराने का एक सशक्त प्रयास भी है। महाविद्यालय परिवार ने जिस उत्साह और गरिमा के साथ स्थापना दिवस की शुरुआत की, वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी।