ओंकारेश्वर–बड़वाह में अवैध सागौन कटाई

टोकसर गांव में छापेमारी, लाखों की लकड़ी और मशीनें जब्त

खरगोन। वन विभाग ने ओंकारेश्वर से करीब 25 किलोमीटर दूर बड़वाह वन क्षेत्र के ग्राम टोकसर में बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध सागौन की लकड़ी और मशीनरी जब्त की। एक सुनसान मकान से 36 नग सागौन की लट्ठियां, सिल्ली और शिकंजा कटर मशीन बरामद हुईं। जब्त सामग्री की कीमत तीन लाख रुपये से अधिक आंकी गई है।

मकान से मिला अवैध नेटवर्क

सूचना पर बनी विशेष टीम ने मकान की तलाशी ली, जहां से लकड़ी और उपकरण मिले। बताया गया कि यहां बड़ी मशीनों से सागौन की सिल्ली और चौखट तैयार कर बाजार में भेजी जाती थी। सागौन को ‘पीला सोना’ कहा जाता है और इसकी अंधाधुंध कटाई से जंगलों का अस्तित्व संकट में है।

बड़े पैमाने पर कटाई का खुलासा

ओंकारेश्वर–बड़वाह के जंगलों में लंबे समय से बड़े पैमाने पर अवैध कटाई की खबरें मिल रही हैं। यदि यह सिलसिला जारी रहा तो आने वाले समय में इस क्षेत्र का सागौन केवल इतिहास बनकर रह जाएगा।

वन सुरक्षा तंत्र पर सवाल

सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि इतनी बड़ी मात्रा में सागौन कैसे काटा गया और विभागीय निगरानी से बचकर 26 किलोमीटर दूर खेत के मकान तक कैसे पहुंचाया गया? कई चेकपोस्ट होने के बावजूद चौखट और सिल्ली बनाने का काम लगातार चलता रहा, लेकिन गश्ती और निगरानी व्यवस्था इसे पकड़ नहीं पाई। यह वन सुरक्षा तंत्र की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।

समाधान और सख़्ती की ज़रूरत

अवैध सागौन कटाई केवल वन संपदा का नुकसान नहीं है, बल्कि स्थानीय समाज और शासन की साख पर भी धब्बा है। इसकी ऊंची कीमत अवैध व्यापारियों को आकर्षित करती है। समय रहते कठोर कदम न उठाए गए तो ओंकारेश्वर–बड़वाह क्षेत्र के जंगल उजड़ जाएंगे और ग्रामीण जीवन पर्यावरणीय असंतुलन का खामियाजा भुगतेगा।

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