तोंद बन गया है मटका तो हो जाएं सावधान, कहीं आप इस गंभीर बीमारी के शिकार तो नहीं?

How to get rid of pot belly: कई लोग ऐसे होते हैं, जो देखने में तो दुबले-पतले होते हैं, लेकिन उनका पेट बाहर की तरफ निकला नजर आता है. ऐसे लोगों के पेट का शेप गोल मटके की तरह दिखता है. मोटापे से ग्रस्त लोगों में भी पेट काफी बाहर, गोल और बड़ा सा निकला हुआ नजर आता है. यह शरीर को बेडौल लुक देता है. कुछ भी पहनने पर जंचता नहीं है. इस तरह के पेट को ‘पॉट बेली’ (pot belly) यानी मटके की तरह दिखने वाला तोंद या पेट कहते हैं. अधिकतर पुरुषों में ये समस्या देखने को मिलती है. लंबे, दुबले-पतले होने के बावजूद भी उनकी सारी पर्सनैलिटी गोल तोंद के कारण खराब लगने लगती है. क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों है? पॉट बेली की वजह क्या है, कहीं कोई शारीरिक समस्या तो नहीं ये? चलिए जानते हैं इसके बारे में यहां विस्तार से…

पॉट बेली का कारण क्या है?
न्यूट्रिशनिस्ट शिवानी कांडवाल ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें वे पॉट बेली के बारे में जानकारी देते हुए लिखती हैं कि पॉट बेली पुरुषों में काफी कॉमन है. पॉट बेली स्लो या फैटी लिवर (Fatty liver) का लक्षण है. फैटी लीवर डिजीज आजकल सबसे प्रचलित मेटाबॉलिज्म डिसऑर्डर में से एक है. आपको बता दें कि ये हमेशा शराब के सेवन से संबंधित नहीं होता है.

जब शरीर की मांसपेशियों और ऊतकों को ऊर्जा की आवश्यकता होती है तो इंसुलिन रक्त से ग्लूकोज को अवशोषित करने में कोशिकाओं की सहायता करता है. हालांकि, जब ब्लड में ग्लूकोज का लेवल अधिक होता है तो यह अतिरिक्त ग्लूकोज को स्टोर करने के लिए लिवर की भी सहायता करता है. यदि शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध विकसित हो जाता है तो इसका मतलब है कि हमारी कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति उस तरह से प्रतिक्रिया नहीं करेंगी जैसी उन्हें करनी चाहिए. परिणामस्वरूप लिवर में बहुत अधिक वसा जमा हो जाती है.

पॉट बेली को कम करने के उपाय

1. यदि आप चाहते हैं कि आपका मटके जैसा गोल तोंद कम होकर स्लिम दिखने लगे तो आप लो कार्ब डाइट का सेवन करें. इससे ब्लड में कम ग्लूकोज निकलता है.

2. वेट ट्रेनिंग से इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार होता है जो फैटी लिवर को कम करने में मदद करता है.

3. क्लोरोफिल लिवर को डिटॉक्स करने और बेहतर कार्य करने में मदद करता है इसलिए खूब सारी हरी सब्जियां डाइट में प्रतिदिन शामिल करें.

4. तले हुए भोजन, ट्रांस वसा, डेयरी प्रोडक्ट्स, पैक किए गए खाद्य पदार्थ, चीनी, मैदा यहां तक ​​कि फलों का सेवन भी कम कर दें क्योंकि फलों में फ्रुक्टोज होता है. यह रक्त में ट्राइग्लिसराइड्स को बढ़ा सकता है.

5. ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर फूड्स का सेवन करें. ये लिवर की कार्यप्रणाली में सुधार करते हैं. बैड कोलेस्ट्रॉल और फ्री रैडिकल्स को कंट्रोल करते हैं. ओमेगा 3 फैटी एसिड की पूर्ति के लिए आप ओमेगा 3 कैप्सूल, अलसी के बीज (flaxseeds), मछली, अखरोट आदि का सेवन कर सकते हैं.

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