Home Minister Amit Shah: ‘पुत्र-पुत्री मोह के कारण टूटी एनसीपी-शिवसेना’

Home Minister Amit Shah Said NCP Shiv Sena broke due to putra aur putri Moh

अमित शाह

लोकसभा चुनाव से पहले गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्षी दलों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि सिर्फ पुत्र-पुत्री मोह के कारण ही महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना में विभाजन हुआ। इसके लिए भाजपा को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। बता दें, हाल में ही एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से नाता तोड़ लिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे। इस दौरान उनके अलावा कई शिवसेना विधायक और सांसदों ने भी भाजपा की सदस्यता हासिल कर ली थी। वहीं, अजित पवार जब एनसीपी से अलग होकर भाजपा में शामिल हुए तो उनके साथ भी कई एनसीपी विधायक और सांसदों ने भाजपा का दामन थाम लिया था।

गृहमंत्री शाह ने शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित एक साक्षात्कार में कहा कि हमने कोई भी पार्टी नहीं तोड़ी है। कई पार्टियां सिर्फ पुत्र-पुत्री मोह में टूटी हैं। मैं फिर से दोहराता हूं कि एनसीपी और शिवसेना दोनों पार्टियां ही पुत्र-पुत्री मोह में टूटी हैं। उद्धव ठाकरे अपने बेटे आदित्य ठाकरे को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे तो वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार अपनी बेटी सुप्रिया सुले को एनसीपी का नेता बनाना चाहते थे। जो लोग शिवसेना में बालासाहेब ठाकरे के समय से काम कर रहे हैं, उन्होंने पहले तो उद्धव ठाकरे को अपना नेता माना लेकिन उन्होंने आदित्य को अपना नेता मानने से इनकार कर दिया। पवार भी अपनी बेटी सुले को एनसीपी नेता बनाना चाहते थे। कई लोग, जो इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं थे उन्होंने पार्टियां छोड़ दी। अंत में उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव को लेकर महाराष्ट्र एनडीए ने सीट-बंटवारे पर समझौता कर लिया है।

पीओके के मुसलमान भी हमारे हैं और वहां के हिंदू भी हमारे हैं

साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) भारत का हिस्सा है। वहां रहने वाले हिंदू भी हमारे हैं और वहां रहने वाले मुसलमान भी भारत के हैं। उन्होंने विपक्षी दलों पर मुस्लिम समुदाय को गुमराह करने का आरोप लगाया। सीएए में नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्य जो उत्पीड़ित महसूस कर रहे हैं, उन्हें विभाजन के समय आश्वासन दिया गया था कि वे बाद में भारत आ सकते हैं। दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश ने 1947 में धर्म आधारित विभाजन देखा है।

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