मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह का कहना है कि मैं पद से इस्तीफा क्यों दूं। मैंने जो कुछ भी कदम उठाए थे, वह राज्य की सुरक्षा के लिए थे। उन्होंने कहा कि मैं कोई चोर थोड़ी हूं कि मैंने कुछ सरकार में रहते हुए चुराया है। उन्होंने दावा किया कि राज्य की ‘रक्षा’ के प्रयासों में लोग उनके साथ हैं, इसलिए उनके इस्तीफा देने का कोई सवाल ही नहीं है। सिंह ने एक इंटरव्यू में सवाल किया, ‘मैं इस्तीफा क्यों दूं? क्या मैंने कुछ चुराया है? क्या मेरे खिलाफ किसी घोटाले का आरोप है? क्या मैंने राष्ट्र या राज्य के खिलाफ काम किया है?’
एन बीरेन सिंह सिंह मणिपुर में पिछले साल मई में भड़की जातीय हिंसा को लेकर विपक्ष के निशाने पर हैं। कुकी संगठन उन पर जातीय हिंसा में मेइती समुदाय का पक्ष लेने का आरोप लगा रहे हैं। इसके बावजूद उन्होंने बतौर मुख्यमंत्री अपने रिकॉर्ड का मजबूती से बचाव किया। सिंह ने अवैध आप्रवासियों की पहचान और मादक पदार्थों के खिलाफ अपनी सरकार के अभियान को जातीय हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ‘मैंने राज्य को अवैध प्रवासियों, पोस्त की अवैध खेती से बचाया है। मेरा काम मणिपुर और मणिपुर के लोगों की रक्षा करना है। (इस्तीफा देने का) कोई सवाल ही नहीं है।’
मुख्यमंत्री के मुताबिक मेइती बहुल इनर मणिपुर सहित राज्य की दोनों लोकसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हार उनकी लोकप्रियता की सूचक थी, न कि पार्टी के कम लोकप्रिय होने की परिचायक। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल उनके निर्देश पर कार्रवाई कर रहे थे, बावजूद इसके लोगों ने उन पर हिंसा को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने के आरोप लगाए। बीरेन सिंह ने कहा, ‘लोग भावुक हो गए कि मैं मुख्यमंत्री होते हुए भी कुछ खास नहीं कर सका। सुरक्षा बलों के मेरे निर्देशों के अनुसार कार्रवाई करने के बावजूद, लोगों को लगा कि मैंने बंदूक का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ कठोर जवाबी कार्रवाई नहीं की।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका हमेशा से मानना रहा है कि समाधान जवाबी कार्रवाई करने से नहीं, बल्कि बातचीत और शांति से निकलेगा। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में पिछले साल तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद भड़की जातीय हिंसा में अब तक 226 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों परिवार विस्थापित हो गए हैं। कुकी संगठनों ने मेइती समुदाय से आने वाले सिंह पर हिंसा में अपने समुदाय का पक्ष लेने का आरोप लगाया है। विपक्षी दलों ने यह कहते हुए उनके इस्तीफे की मांग की है कि इससे टूटे सामाजिक ताने-बाने को फिर से जोड़ने में मदद मिलेगी।
‘मैं किसी समुदाय का नहीं, सबका मुख्यमंत्री हूं’
मैइती समुदाय के लोगों का पक्ष लेने के आरोपों पर एन. बीरेन सिंह ने कहा कि मैं हर समुदाय का मुख्यमंत्री हूं। मैतेई हो, कुकी हो या फिर नगा।’ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में मादक पदार्थों के खिलाफ जंग के अलावा आरक्षित वनों से अतिक्रमण हटाते हुए म्यांमा से अवैध अप्रवासियों की पहचान का अभियान तेज कर दिया, जो कुछ लोगों को पसंद नहीं आया। हालांकि, उन्होंने यह सीधे तौर पर नहीं कहा, लेकिन मैतेई समूहों ने आरोप लगाया है कि कुकी समुदाय का एक वर्ग उनके बसाए पहाड़ी इलाकों में पोस्त की खेती के अलावा उन अवैध अप्रवासियों की रक्षा करने में शामिल है, जो उन्हीं के जातीय समूह से आते हैं।