मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
कितना भी बड़ा अधिकारी हो, दोषी होने पर नहीं बचेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस हादसे की वरिष्ठ अधिकारियों की टीम जांच कर रही है। कितना भी बड़ा अधिकारी हो दोषी पाए जाने पर नहीं बचेगा। इस मामले में कठोर कार्रवाई करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडला जिले में 17, दतिया जिले में 4, मुरैना में 5, जबलपुर में 123, शिवपुरी में 10, ग्वालियर में 26, नरसिंहपुर में 6, डिंडोरी में 6, छिंदवाड़ा में 72, कटनी में 6, शहडोल में 29, अशोक नगर 7 पटाखा फैक्ट्री का निरीक्षण किया जा चुका है। हरदा में 12, इंदौर में 8 फैक्ट्री और 16 गोदाम सील किए गए हैं। राज्य सरकार इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए चिकित्सा के पर्याप्त प्रबंधन कर रही है। बर्न यूनिट और बनाएंगे, मरीजों के लिए एयर एंबुलेंस सेवा भी प्रारंभ की जाएगी।
बस्ती वहां कैसे बनी यह जांच का विषय
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जब फैक्टरी बनाई गई तो वह क्षेत्र एकांत में था, लेकिन बस्ती वहां कैसे बसाई गई यह जांच में सामने आएगा। सीएम ने अधिकारियों को हटाने की बात बताते हुए दो माह पहले के एक पत्र का जिक्र किया, जिसमें क्षमता से अधिक विस्फोटक पाए जाने का जिक्र था। उन्होंने कहा कि जांच प्रभावित ना हो, इसलिए अधिकारियों को हटाया। सीएम ने दमकल कर्मियों की प्रशंसा भी की।
न्यायिक जांच की मांग को लेकर विपक्ष का वॉकआउट
हरदा हादसे मामले की विपक्ष ने न्यायिक जांच की मांग की। मुख्यमंत्री के न्यायिक जांच की मांग को लेकर कुछ नहीं कहने पर विपक्ष ने सदन से नारेबाजी करते हुए वॉकआउट किया। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि सरकार जनता के लिए है या अधिकारियों को बचाने के लिए। पटाखा फैक्टरी के संचालक पर पहले भी कई केस थे, वह जेल भी गया था। क्या कलेक्टर ने कभी निरीक्षण नहीं किया कि यह फैक्टरी रिहायशी क्षेत्र में हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि 10-10 लाख रुपये कलेक्टर कमिश्नर को गए। वह निरीक्षण क्यों करेंगे? उन्होंने कहा कि लीपापोती कर के सब दबा दो क्या यह अधिकारियों की लापरवाही नहीं है।
अधिकारियों को भी आरोपी बनाया जाए
स्थानीय विधायक की सूचना को कलेक्टर ने अनसुना किया। इतनी बड़ी घटना हो गई और अब अधिकारियों को बचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आप जनता के मुख्यमंत्री हैं या अधिकारियों के। सिंघार ने मांग की कि लॉ ओपन कोर्ट इंक्वायरी या ज्यूडिशल इंक्वायरी की जाए। उन्होंने मृतकों और घायलों के लिए मुआवजे की राशि 25 लाख और 1 करोड़ रुपये करने की मांग की। सिंघार ने कहा कि इस पूरे मामले में अधिकारियों को भी आरोपी बनाया जाए।
सुतली बम नहीं, जिलेटिन की रॉड बन रही थी : रावत
स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करते हुए रामनिवास रावत ने कहा कि हरदा की फैक्टरी में सुतली बम नहीं, जिलेटिन की रॉड बनाने का काम किया जा रहा होगा। 50 से 60 घर हादसे में तबाह हो गए। अभी तक यह पता नहीं चल पाया कि हादसे के वक्त कितने मजदूर फैक्टरी में थे। फैक्टरी में हादसे होते हैं और कई लोग मारे जाते हैं। उन्होंने सवाल किया कि हमें यह सोचना होगा कि हादसों के लिए जिम्मेदार कौन है? आयुक्त ने अपील पर अनुमति कैसे ओर क्यों दी? कलेक्टर और एसपी को हटाना समाधान नहीं है। आखिर फैक्टरीसंचालन के लिए किसका संरक्षण था?
हादसे में दिवंगतों को दी गई श्रद्धांजलि
विधानसभा की कार्रवाई शुरू होने पर हरदा हादसे में दिवंगतों को श्रद्धांजलि दी गई। सदन में मौन रखने के बाद 10 मिनट के लिए सदन की कार्रवाई स्थगित की गई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हादसे में 11 लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए हैं। इस घटना से उनका मन व्यथित है। उन्होंने कहा कि सरकार सभी पीड़ितों के साथ खड़ी है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी शोक जताया। इसके अलावा सदन में नक्सली हमले में शहीद पवन भदौरिया और गुना के आरोन में बस हादसे में मृतकों को भी श्रद्धांजलि दी गई।
नकली सुतली बम की माला पहनकर पहुंचे विधायक
हरदा से कांग्रेस विधायक आरके दोगने नकली सुतली बम की माला पहनकर विधानसभा पहुंचे। उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा को नमन किया। दोगने ने मीडिया से बातचीत करते हुए सरकार पर हादसे में मृतकों की संख्या को लेकर झूठे आंकड़े देने का आरोप लगाया। उन्होंने मुख्यमंत्री से मृतकों और घायलों के लिए मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग की। विधायक ने कहा कि चार लाख में कुछ नहीं होता। उन्होंने पटाखा फैक्ट्री के बेसमेंट की जांच करने और जांच में विधायक और मीडिया को भी शामिल करने की मांग की।