ज्ञानवापी
जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने को जिलाधिकारी की सुपुर्दगी में दिए जाने का आदेश दिया है। अदालत ने जिलाधिकारी को रिसीवर नियुक्त करते हुए कहा कि विवादित आराजी नंबर 9130 के दक्षिणी छोर स्थित व्यास जी के तहखाने की उचित देखरेख जरूरी है। इस मामले की अगली सुनवाई 25 जनवरी को होगी।
व्यास परिवार के शैलेंद्र पाठक की तरफ से अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, सुधीर त्रिपाठी और सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने वाद दाखिल किया था। उनका कहना था कि व्यास जी के तहखाने पर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी कब्जा कर सकती है, इसलिए तहखाने की देखरेख की जिम्मेदारी वाराणसी के जिलाधिकारी को दी जानी चाहिए। अदालत ने मामले की सुनवाई की और आदेश की पत्रावली सुरक्षित रख ली। बुधवार की देर शाम आदेश की प्रति अदालत ने वेबसाइट पर अपलोड कर दी।
जिला जज की अदालत ने शैलेंद्र पाठक की ओर से दाखिल आवेदन को मंजूर कर लिया। अदालत ने कहा कि जिलाधिकारी विवादित संपत्ति को अपनी सुरक्षा में रखें। संपत्ति के मूल स्वरूप में किसी तरह का बदलाव नहीं होना चाहिए। इससे पहले अंजुमन इंतेजामिया मसााजिद कमेटी ने तहखाने को जिलाधिकारी की सुपुर्दगी में दिए जाने का विरोध किया था। उसका कहना था कि ज्ञानवापी के सभी हिस्सों पर कमेटी काबिज है। किसी हिस्से को सुपुर्दगी में दिए जाने की जरूरत नहीं है। हालांकि अदालत ने आपत्तियों को सिरे से खारिज कर दिया है।
कानूनी विकल्प खुले हैं। जो भी आदेश हुआ है, उसका अध्ययन किया जाएगा, फिर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का रूख किया जाएगा। – सैय्यद मोहम्मद यासीन, संयुक्त सचिव अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी
वजूखाना की सफाई पर आज फैसला संभव
ज्ञानवापी परिसर स्थित सील वजूखाना की सफाई पर गुरुवार को फैसला हो सकता है। इस सिलसिले में जिला प्रशासन ने हिंदू और मुस्लिम पक्ष के लोगों की बैठक बुलाई है। बैठक का समय तय होना है। वजूखाना की सफाई का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने गत मंगलवार को दिया था। हिंदू पक्ष की तरफ से सफाई से संबंधित याचिका पर मुस्लिम पक्ष ने किसी तरह की आपत्ति नहीं की थी।