ग्वालियर में एक मल्टी का पिलर टूट गया।
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ग्वालियर में 27 परिवारों के साथ बड़ी घटना होने से टल गई। थाटीपुर की नेहरू कॉलोनी में बनी गोल्डन टॉवर मल्टी का अचानक एक पिलर टूट गया। जब पूरी बिल्डिंग एक ओर झुकने लगी तो लोग अंदर से निकलकर सड़क पर आ गए। सूचना मिलने के बाद सभी प्रशासनिक अधिकारी और नगर निगम के अधिकारी मौके पर पहुंचे और पूरी मल्टी को खाली कराया गया। बताया जा रहा है कि चार मंजिला मल्टी 8 साल पुरानी है। घटना के बाद सभी 27 परिवार सदमे में हैं और पूरी तरह बेघर हो चुके हैं।
मल्टी में रहने वाले लोग और आसपास रहने वाले लोगों का कहना है कि एक-दो दिन से मल्टी में कुछ आवाज आ रही थी। पिलर पर नजर पड़ी तो आरसीसी के साथ लोहे के सरिए तक टूट चुके थे। मल्टी के 301 फ्लैट में दरार बताई गई। जिस जगह पिलर टूटा है, वहां जैक लगाकर बिल्डिंग को साधा गया है। बताया जा रहा है यह मल्टी बिल्डर मोहन बांदिल ने बनाई थी। घटना के बाद पुलिस, नगर निगम, रेस्क्यू टीम भी मौके पर पहुंच गई थीं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि एक समय के लिए तो ऐसा लगा कि अब मल्टी गिर ही जाएगी, इसलिए सब कुछ छोड़कर बाहर आ गए। इतना भी समय नहीं मिला कि बना हुआ खाना साथ ला पाते। सभी 27 परिवार अब अपने रिश्तेदारों के यहां समय गुजार रहे हैं। इसमें कई ऐसे हैं, जिन्होंने पूरी जिंदगी में एक-एक पाई जोड़कर इस मल्टी में फ्लैट लिया था लेकिन अब उन्हें अपनी ही घर में जाने से डर लग रहा है।
अब मल्टी में कोई न जाए, इसके लिए मल्टी के दोनों तरफ बैरिकेड लगाकर पुलिस जवान तैनात कर दिए गए हैं। वहीं पूरी मल्टी खाली कर ली गई है। निगम इंजीनियर के मुताबिक बिल्डिंग का पिलर फेल हो गया। पिलर के सरिए सही तरीके से नहीं बंधे थे। आरसीसी का इस्तेमाल ठीक से नहीं किया। मल्टी में कॉलम की संख्या भी कम है, जिससे स्थिति बनी। नगर निगम की ओर से मल्टी में किसी भी व्यक्ति का प्रवेश न हो और जब तक बिल्डिंग को पूरी तरह सुरक्षित घोषित नहीं किया जाता है, वहां कोई नहीं रह सकता। इसके लिए वहां पर सूचना दीवाल पर चस्पा कर दी गई है।
इस बड़ी घटना को लेकर नगर निगम के अफसर बचते हुए नजर आ रहे हैं नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि मामले में मल्टी बनाने वाली बिल्डरों पर कार्रवाई की जा रही है। इसके लिए जांच के आदेश दे दिए हैं वहीं बिल्डर को नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि मल्टी में कई खामियां होने के बावजूद निगम के अधिकारियों ने इस मल्टी को कैसे पास कर दिया। इससे सवाल उठता है कि शहर के अंदर सैकड़ों ऐसी मल्टी हैं जो मानक के अनुरूप नहीं बनी हैं जिसमें हजारों की संख्या में परिवार रह रहे हैं। उन पर भी एक बड़ा संकट मंडरा रहा है।