Gwalior News : सामूहिक आत्महत्या के मामले में जेल में बंद आरोपी की मौत

करीब एक साल पहले शासकीय ठेकेदार के परिवार के तीन सदस्यों की सामूहिक आत्महत्या के मामले में आरोपी रहे रिश्तेदार राजीव सिंह उर्फ गुड्डू गौर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। राजीव सिंह को ग्वालियर के केंद्रीय कारागार से गंभीर हालत में जयारोग्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां वेंटिलेटर पर रखकर उसे बचाने की कोशिश की गई, लेकिन इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

मृतक की पत्नी का दावा है कि वह एक दिन पहले ही जेल में अपने पति से मिलने गई थी, तब उनकी तबीयत बिल्कुल ठीक थी। उसने सवाल उठाया है कि अचानक ऐसी क्या स्थिति बनी कि रात में ही अस्पताल में शिफ्ट करना पड़ा और कुछ ही घंटों में वेंटिलेटर पर उनकी मौत हो गई।

अस्पताल से सूचना मिलते ही परिवार के लोग वहां पहुंच गए। राजीव सिंह आर्मी से रिटायर्ड थे, लेकिन वह उस वक्त सुर्खियों में आए थे जब उनकी सगी बहन सीमा चौहान ने अपनी हथेली पर लिखे सुसाइड नोट में अपने पति नरेंद्र चौहान और बेटे आदित्य के साथ मौत के लिए भाई राजीव सिंह को जिम्मेदार ठहराया था। उसने अपने सुसाइड नोट में राजीव को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की थी।

जानकारी के अनुसार जीजा-साले नगर निगम समेत अन्य बड़े ठेके मिलकर लेते थे। दोनों के बीच पैसों को लेकर विवाद चल रहा था। लंबे समय तक फरार रहने के बाद बहोड़ापुर पुलिस ने राजीव सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। परिवार मेडिकल आधार पर उसकी जमानत कराने की कोशिश कर रहा था, लेकिन उससे पहले ही यह घटना हो गई।

परिजनों ने इस मामले में न्याय की गुहार लगाई है और राजीव के छोटे बच्चों की परवरिश का हवाला देते हुए प्रशासन से उचित जांच की मांग की है। बता दें कि यह पूरा मामला बहोड़ापुर थाना क्षेत्र के 12 बीघा इलाके का है, जहां 25 सितंबर 2024 को ठेकेदार नरेंद्र चौहान ने अपनी पत्नी सीमा और बेटे आदित्य की गोली मारकर हत्या कर दी थी और फिर खुद भी लाइसेंसी रायफल से आत्महत्या कर ली थी। घरेलू नौकर के वहां पहुंचने पर इस सामूहिक आत्महत्या कांड का खुलासा हुआ था। सीमा के सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने राजीव सिंह को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोपी माना था और उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। फिलहाल बहोड़ापुर पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मामले की जांच जारी है।

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