Gwalior News : 17 साल का लंबा इंतजार… अब मिला पंचायत सचिव को न्याय,  ये है पूरा मामला

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के बाद 17 साल का लंबा संघर्ष जीता है। भिंड के मेंहगांव तहसील के अवधेश सोनी 17 साल बाद पंचायत सचिव बन गए हैं। 2008 में कन्हारी पंचायत सचिव के लिए मेरिट में पहले नंबर पर होने के बावजूद उन्हें नियुक्ति नहीं दी गई थी। क्योंकि उनके पिता को दूसरी पंचायत कतरौल का निवासी बताया गया था।

पंचायत सचिव की नियुक्ति के लिए उसी ग्राम पंचायत का निवासी होना जरूरी है। जबकि दूसरे नंबर पर मेरिट सूची में रहे भगवान सिंह बघेल को कन्हारी ग्राम पंचायत सचिव बना दिया गया था। अब हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने पंचायत सचिव भगवान सिंह बघेल को हटाकर अवधेश सोनी को नियुक्त करने के आदेश दिए हैं। इस मामले में भिंड कलेक्टर जिला पंचायत के मुख्य कार्यक्रम अधिकारी सहित ग्राम पंचायत कन्हारी के ठहराव को भी कोर्ट ने मनमाना करार दिया है।

दरअसल, 2008 में अवधेश सोनी ने पंचायत सचिव की भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा लिया था। कक्षा 10वीं की मार्कशीट के आधार पर उन्हें पहला स्थान मिला था। जबकि दूसरे स्थान पर भगवान सिंह बघेल रहे थे। लेकिन अवधेश सोनी को यह कहकर पंचायत सचिव नियुक्त नहीं किया गया, क्योंकि वह दूसरी पंचायत कतरौल के रहने वाले बताए गए। जबकि उनकी अंकसूची मूल निवासी और जाति प्रमाण पत्र में उन्हें कन्हारी पंचायत का निवासी बताया गया।

अवधेश सोनी के पिता मेहगांव तहसील की कतरौल ग्राम पंचायत की बीपीएल सूची में दर्ज थे। इसीलिए अवधेश सोनी को पंचायत सचिव की नियुक्ति नहीं दी गई। लेकिन अन्य दस्तावेजों को देखते हुए हाईकोर्ट ने भिंड कलेक्टर जिला पंचायत सीईओ सहित अन्य अधिकारियों की प्रक्रिया को मनमाना पूर्ण बताया और पंचायत सचिव भगवान सिंह बघेल को हटाने के निर्देश दिए। उनके स्थान पर अब 17 साल बाद अवधेश सोनी पंचायत सचिव बनाए गए हैं। लेकिन अवधेश सोनी को इस दौरान लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। जबकि भगवान सिंह बघेल भी सालों बाद 2019 में पंचायत सचिव बन सके थे अब उन्हें हटाया गया है।

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