DenvapostExclusive : माखननगर के सरकारी अस्पताल को लेकर देनवा पोस्ट ने बड़ा खुलासा किया। अस्पताल में हुए भ्रष्टाचार को लेकर आप सभी ने बहुत कुछ पहले से ही देख, सुन और पढ रखा है। ऐसे में देनवा पोस्ट ने आप तक सटीक जानकारी पहुंचाने के लिए कुछ नया किया और वो था स्टिंग आपरेशन। इस आपरेशन का मुख्य मकसद यह बताना था कि आखिर माखननगर के सरकारी अस्पताल में इतना सब होता कैसे था। इस स्टिंग में हमने जिन कर्मचारियों से बात की, उनकी पहचान छुपाई, कारण किसी को बचाना नहीं, बल्कि असल गुनहगार का पर्दाफाश करना था। ये जो छोटे कर्मचारी है…उनमें इतनी हिम्मत नहीं कि वे अपने वरिष्ठ अधिकारी का विरोध कर पाते। हम उनकी यह मनोदशा अच्छे से समझते हैं और यही कारण है कि हम यह मानते हैं कि इस पूरे खेल में गेहूं बचकर निकल गया और घुन पिस गए हैं। जिस अधिकारी ने खेल किया वह चलता बना, रह गए तो ये छोटे कर्मचारी। देनवा पोस्ट का स्पष्ट मत है कि कार्रवाई जिम्मेदार अधिकारी पर होना चाहिए, न कि मजबूरी में काम करने वाले इन छोटे कर्मचारियों पर
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आडियो: दो कर्मचारी अस्पताल के सामान के बारे में कर रहे बात
देनवा पोस्ट के पास एक आडियो है, जिसमें अस्पताल के दो कर्मचारी बात कर रहे हैं। पहला कर्मचारी कह रहा है… सर बोलकर समान ले आते हंै, नहीं तो लेके भाग जाये तो पैसे अपने को देने पड़ेंगे। आपका क्या समान रखा है मेरी तो कुर्सी है। जवाब में दूसरा कर्मचारी कह रहा है कि मेरे दो तीन समान रखे है। देखना पड़ेगा, सर फोन लगाएगें तब ही वह देगा। तीन चार समान रखे है तेरा भी आ जाएगा और मेरा भी आ जाएगा।
स्टिंग 1: बीएमओ अपने निजी अस्पताल ले गए सामान, सीसीटीवी कैमरे कर देते थे बंद
अस्पताल का एक कर्मचारी किसी सर को फोन लगाकर बोल रहा है। मुझे पता भी नहीं कब बीएमओं सर मेरी कुर्सी लेकर मायरा चले गए। वही एक कर्मचारी कह रहा है कि सीसीटीवी कैमरे का स्विच सर के कमरे मे है, वही से ऑपरेट होता था। वे वक्त बेवक्त इसे बंद कर दिया करते थे। जिससे सीसीटीवी होने के बाद भी सामान गायब होने की जानकारी नहीं मिल पाती थी।
स्टिंग 2: इंवेटर चोरी लेकिन इसलिए आवेदन के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
अस्पताल के एक अन्य कर्मचारी कह रहा है कि इंवेटर चोरी का आवेदन आया था। जिस शाखा से आया उसके कर्मचारी से बोला कि कार्यवाही करनी पड़ेगी। 25 से 30 हजार के चक्कर में तेरी बैंड बज जाएगी, तो उसने नया इंवेटर खरीद कर देने को कहा इसलिए थाने में शिकायत नहीं की गई।
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इस स्टिंग आपरेशन से खड़े हो रहे कुछ सवाल…
- बीएमओ डाॅ. रोहित शर्मा सरकारी अस्पताल से अपने निजी अस्पताल में सामान ले जाते रहे। किसी ने कभी कोई शिकायत क्यों नहीं की?
- जाहिर सी बात है, जब सीसीटीवी कैमरे बंद ही रहेंगे तो आखिर वे अस्पताल की कारगुजारियों को कैसे कैद करेंगे। कभी इस पर जिम्मेदारों ने क्यों ध्यान नहीं दिया?
- एक-दो चोरी की घटनाएं पकड़ाई तो उन पर सख्त कार्रवाई करने की जगह सामान बुलवाकर आपस में ही सेटलमेंट किसके कहने पर किया जा रहा था?
- थाने में सिर्फ शिकायत आवेदन दिया गया, उसका फालोअप कर एफआईआर क्यों नहीं करवाई गई?
क्या अब जिले के अधिकारी लेंगे कोई एक्शन?
देनवा पोस्ट ने जब इस मामले में प्रभारी बीएमओ डॉ जीएस चैहान से बात की तो उन्होंने कहा कि मैने अभी अभी ज्वाइन किया। इस संबंध दो चार दिन बाद बात करते है। वही थाना प्रभारी प्रवीण उइके ने बताया कि अभी जांच चल रही है। जांच होने के बाद कार्यवाही की जावेगी। कुल मिलाकर देनवा पोस्ट के पास सारे तथ्य मौजूद है और सुरक्षित रखें है। सवाल यह है कि क्या अब जिले के अधिकारी कोई एक्शन लेंगे।