मध्यप्रदेश में अटैचमेंट का खेल: नवसाक्षरता के नाम पर पांच हजार से अधिक शिक्षक अटैच

Bhopal : स्कूल शिक्षा विभाग में चल रहे अटैचमेंट के खेल में 20 हजार से अधिक शिक्षक मुफ्त का वेतन ले रहे हैं। कई शिक्षक स्कूलों में पढ़ाने के बजाय दफ्तरों में बाबू बनकर बैठे हैं। नवसाक्षरता के नाम पर प्रदेश में पांच हजार से अधिक शिक्षक अटैचमेंट पर चल रहे हैं।


प्रदेश में कक्षा दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा आगामी 25 फरवरी से प्रारंभ हो रही है। इसके पहले नवमीं-ग्यारहवीं की परीक्षाएं भी होंगी। परीक्षाओं के पहले शिक्षकों की कमी के चलते स्कूल शिक्षा विभाग ने नया फरमान जारी किया है। प्लान तैयार किया है। इसके तहत जिन स्कूलों में विषय शिक्षकों की कमी है, उनके यहां नजदीकी स्कूलों से शिक्षकों को बुलाकर पढ़ाया जाएगा।

यह कार्य सप्ताह में शिक्षक दो दिन करेंगे। दूसरी तरफ विभाग में अटैचमेंट का खेल चल रहा है। प्रदेश में 20 हजार से अधिक शिक्षक ऐसे हैं, जो स्कूलों में पढ़ाने के बजाय दफ्तरों में बाबूगिरी कर रहे हैं। विभाग इन शिक्षकों का अटैचमेंच समाप्त करने के बजाय स्कूलों में ही पदस्थ अन्य शिक्षकों पर दोहरा कार्य डाल रहा है।

नवसाक्षरता के नाम पर पूरी पढ़ाई चौपट


नवसारक्षता के नाम पर हर जिले में 70 से 80 शिक्षकों को अटैच कर रखा है। भोपाल जिले में करीब 70 शिक्षक नवसाक्षरता कार्यक्रम में सेवाएं दे रहे हैं। हालांकि इन शिक्षकों को यह कार्य स्कूलों में पढ़ाई कराने के साथ करना है, लेकिन ऐसा होता नहीं है। नवसाक्षरता में अटैच शिक्षक स्कूलों में पढ़ाने नहीं जाते है। इससे राजधानी समेत पूरे प्रदेश में करीब पांच हजार से अधिक शिक्षक स्कूलों की पढ़ाने से दूर हैं।

मुख्यालयों में भी शिक्षक अटैच


स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत माध्यमिक शिक्षा मंडल, लोक शिक्षण संचालनालय, राज्य शिक्षा केंद्र, डीईओ कार्यालय समेत अन्य जगहों पर कई शिक्षक अटैच हैं। उच्च पद के प्रभार व अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग के दौरान इन्हें हटाए जाने के निर्देश भी हुए, लेकिन इन शिक्षकों ने जोड़-तोड़ दोबारा मुख्यालयों में पदस्थापना कराने में सफल हो गए।


शिक्षक की हो गई थी मौत


रतलाम जिले में हॉल में अटैचमेंट के चलते एक स्कूल में शिक्षकों कमी से शिक्षिका की ब्रेन स्ट्रोक से मौत हो गई। इस मामले को लेकर रतलाम जिले में शिक्षकों ने कई दिनों तक प्रदर्शन कर सभी प्रकार के अटैचमेंट समाप्त करने की मांग की थी। बावजूद इसके रतलाम जिले में करीब 70 शिक्षक नवसाक्षरता कार्यक्रम में अटैच है। करीब 30 शिक्षक विभिन्न कार्यालयों में बाबूगिरी कर रहे हैं।

अटैचमेंट समाप्त करने को लेकर कई बार दिए गए निर्देश, लेकिन नहीं हो रहा पालन


आयुक्त लोक शिक्षण शिल्पा गुप्ता ने कुछ माह पहले सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि विभिन्न कामों के लिए विभिन्न कार्यालयों में अटैच किए गए शिक्षकों को तत्काल वापस करें। उन्होंने कलेक्टरों को 25 जून 2013 और 8 नवंबर 2017 के सामान्य प्रशासन विभाग, 30 मई 2017 और 20 सितंबर 2019 के स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देशों की याद दिलाई।


आदेशों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 (आरटीई) और न्यायालयीन प्रकरण में पारित निर्णयों के हवाले से कहा गया है कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाया जा सकता है। आयुक्त ने निर्देशों में साफ कहा कि शिक्षकों को भविष्य में भी गैर शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगाया जाए। ऐसा हुआ तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।

गैर शैक्षणिक कार्य में लगाए गए शिक्षकों को मूल पदस्थापना के लिए कार्यमुक्तकर शिक्षण कार्य कराने को कहा गया है। बावजूद इसके अभी भी प्रदेश में संभागीय संयक्ुत संचालक लोक शिक्षण, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक, विकास खंड शिक्षा अधिकारी और निर्वाचन कार्य के लिए कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम), तहसील सहित अन्य कार्यालयों में अटैच हैं। इन शिक्षकों के स्कूलों में लौटने से पढ़ाई की स्थिति सुधरेगी। अभी शिक्षकों की कमी के कारण सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं हो पा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This will close in 0 seconds

error: Content is protected !!