सब कुछ हिलने लगा भूकंप से दिल्ली से लेकर बिहार तक सहमे लोग

नेपाल में शुक्रवार रात 6.4 की तीव्रता का भूकंप आया, जिसके झटके दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में भी महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने यह जानकारी दी। एनसीएस के मुताबिक, भूकंप का केंद्र नेपाल में 10 किलोमीटर की गहराई में था। दिल्ली-एनसीआर में लोगों ने भूकंप के तेज झटके महसूस किए और अपने घरों से बाहर निकल आए। बीते एक महीने में यह तीसरी बार है, जब नेपाल में भूकंप के तेज झटके आए हैं।

भूकंप के झटके इतनी तेज थे कि लोग अपने घरों से भागने लगे। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए दिल्ली की निवासी आरती ने बताया, “मैं बिस्तर पर लेटी हुई थी और बिस्तर हिलने लगा, मैंने अपनी बहन का पैर हिलाया जो मेरे बगल में सो रही थी…जब हम बालकनी में गए, तो बाहर से बहुत शोर आ रहा था।” दिल्ली की एक अन्य निवासी ने कहा कि उन्हें यह समझ नहीं आया कि आखिर ये हो क्या रहा है। उन्होंने कहा, “10 मिनट तो यही समझने में चले गए कि आखिर ये हो क्या रहा है। ऐसा लग रहा है कि अभी दोबारा आएगा।”

नेपाल में अकसर भूकंप आता रहता है। दरअसल नेपाल उस पर्वत श्रृंखला पर स्थित है जहां तिब्बती और भारतीय टेक्टोनिक प्लेट मिलती हैं और ये हर सदी एक-दूसरे के तकरीबन दो मीटर पास खिसकती हैं जिसके परिणामस्वरूप दबाव उत्पन्न होता है और भूकंप आते हैं। इसकी जद में भारत के भी उत्तरी हिस्से अक्सर आ जाते हैं।

नेपाल का पड़ोसी होने के चलते बिहार में भी तेज झटके महसूस किए गए। राजधानी पटने के निवासी अरुण कुमार ने बताया कि वह बिस्तर पर लेटे हुए थे और बिस्तर हिलने लगा। उन्होंने कहा, “हम समझ गए कि यह भूकंप था।” एक अन्य निवासी ने कहा, “मैं बिस्तर पर लेटा हुआ था और कंपन होने लगा और मैंने देखा कि छत का पंखा भी हिल रहा था इसलिए मैं अपने घर से बाहर आ गया।” नोएडा के रहने वाले तुषार ने कहा, “मैं टीवी देख रहा था और अचानक मुझे चक्कर जैसा महसूस हुआ… फिर मैंने टीवी पर भूकंप के बारे में देखा और अचानक अपने घर से बाहर आ गया।”

बता दें कि इससे पहले नेपाल के सुदूर पश्चिम प्रांत में 16 अक्टूबर को 4.8 तीव्रता का भूकंप आया था। नेपाल में 2015 में 7.8 तीव्रता के भूकंप और उसके बाद आए झटकों के कारण लगभग 9,000 लोगों की मौत हो गई थी।

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