साउथ अफ्रीका ने इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज का आगाज़ दमदार अंदाज़ में किया। हेडिंग्ले में खेले गए पहले वनडे में मेज़बान टीम महज़ 131 रन पर ढेर हो गई और मेहमान टीम ने 7 विकेट से आसान जीत दर्ज करते हुए सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली।
इंग्लैंड की बल्लेबाजी ध्वस्त
टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड की पूरी टीम 24.3 ओवर में ही समेट दी गई। इंग्लिश बल्लेबाज़ों की नाकामी इतनी साफ थी कि टीम अपने घरेलू मैदान पर भी असहाय नज़र आई।
जेमी स्मिथ (54 रन) ही अकेले संघर्ष करते दिखे।
जो रूट, हैरी ब्रूक और बेन डकेट जैसे बड़े नाम एक-एक कर ढेर हो गए।
सवाल यह है कि क्या इंग्लैंड की बैटिंग लाइन-अप विदेशी गेंदबाजों के सामने लगातार नाकाम रहने की आदत बना चुकी है?
केशव महाराज – भारतीय मूल के स्टार
साउथ अफ्रीका की जीत के असली हीरो रहे बाएं हाथ के स्पिनर केशव महाराज, जिन्होंने सिर्फ चार विकेट ही नहीं चटकाए, बल्कि इंग्लैंड के टॉप और मिडिल ऑर्डर की रीढ़ भी तोड़ दी।
यह प्रदर्शन याद दिलाता है कि इंग्लैंड की टीम अब भी स्पिन के खिलाफ नाज़ुक है।
मार्करम का तूफ़ान
132 रन के आसान लक्ष्य का पीछा करते हुए एडन मार्करम ने इंग्लैंड को मैच से बाहर कर दिया।
55 गेंदों में 86 रन
13 चौके और 2 छक्के
उनकी इस पारी ने यह जता दिया कि आधुनिक क्रिकेट में छोटे लक्ष्य का पीछा भी तूफानी अंदाज़ में किया जा सकता है। रियान रिकल्टन ने 31 रनों के साथ स्थिरता दी और टीम को 20.5 ओवर में ही जीत दिला दी।
कहां खड़ा है इंग्लैंड?
इंग्लैंड की हार केवल एक मैच की हार नहीं, बल्कि उनके सफेद गेंद क्रिकेट में चल रही अस्थिरता का लक्षण है।
लगातार फ्लॉप हो रहा मिडिल ऑर्डर
स्पिन के खिलाफ कमज़ोरी
घरेलू मैदान पर भी ढहती बल्लेबाज़ी
ये सब मिलकर यह दिखा रहे हैं कि इंग्लैंड को सीरीज में वापसी करने के लिए सिर्फ तकनीकी सुधार नहीं, बल्कि मानसिक दृढ़ता की भी ज़रूरत है।
आगे की राह
साउथ अफ्रीका ने दौरे की शुरुआत में ही मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल कर ली है। अब देखना यह होगा कि क्या इंग्लैंड अगले मैच में वापसी कर पाएगा या फिर सीरीज का पासा शुरुआती दौर में ही पलट चुका है।