खबर का असर : बम्होरी कला प्राथमिक शाला में हुई एक शिक्षक की व्यवस्था

Makhannagar : सात साल से गायब शिक्षिका के लिए डीईओ ने जांच शुरू कर दी। विगत सात वर्षों से पिंकी मीना विगत 7 वर्षों से प्राथमिक शाला में अनुपस्थित है। इस खबर को denvapost में बड़ी प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। जिसके बाद बीईओ ऑफिस में आराम फरमाने वाले अधिकारियो की कुंभकर्णी नींद से जागे और खबर प्रकाशित होने के बाद एक शिक्षक की अस्थाई तौर पर प्राथमिक शाला बम्होरी कलां में व्यवस्था की। जहां denvapost द्वारा प्रकाशित की गई खबर सही पाई गई और मामले में डीईओ ने जनपद ceo को शिक्षिका के खिलाफ जांच करने को निर्देशित किया।

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बेसिक शिक्षा विभाग की शिक्षिका वर्षों से स्कूल से गायब चल रही हैं। इस शिक्षिका ने  छुट्टी लेने के बाद दोबारा स्कूल में वापसी ही नहीं की। इनको भेजे पत्र वापस लौटकर आ रहे हैं। शिक्षिका के स्कूल न आने से शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा था। इस शिक्षिका की कई बार शिकायत भी हो चुकी है। बावजूद इसके उन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। मामले में बच्चों के हित के मद्देनजर denvapost की टीम ने गंभीरता से लेते हुए इस खबर को प्रकाशित किया। इसके बाद पिंकी मीना पर  विभागीय जांच प्रारंभ हो सकी।

ग्रामीण अंचल की शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे, मीडिया के प्रयासों से हुई कार्यवाही पर खुद की थपथपाई जा रही पीठ….!

एक पुरानी कहावत है कि मेहनत करे मुर्गी, अंडा ही फकीर यह यह कहावत माखन नगर शिक्षा विभाग अफसरों पर सही फिट बैठती है। जहां ग्रामीण अंचलों की शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने की बजाए ऑफिस में तैनात अफसर कुर्सी तोड़ते रहते हैं। भले ही ग्रामीण क्षेत्र में पढ़ाई का स्तर कितना भी गिर जाए। इसी बीच जब किसी शिक्षक के खिलाफ अनुशासनहीनता जैसे मामलों की शिकायत मिलती है। तब भी कार्यवाही तो छोड़िए उक्त स्कूलों तक जाने की जहमत भी नहीं उठाई जाती है। जबकि ऐसे मामलों में जब मीडिया द्वारा दोषी शिक्षकों की करतूतों को सबूतों के साथ खबर को प्रकाशित किया जाता है। तब जाकर जिला मुख्यालय से लेकर बीईओ ऑफिस तक के कर्मचारी एक्टिव हो जाते हैं।

फिर मजबूरन शिक्षक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाती है। प्राथमिक शाला बम्होरी कला में पदस्थ शिक्षिका पिंकी मीना के साथ भी कुछ ऐसा ही वाकया हुआ। सूत्रों की माने तो उक्त शिक्षिका की कई बार उच्च अधिकारियों से शिकायत की गई। सीएम हेल्पलाइन भी लगाई गई। इसके बाद भी शिक्षा विभाग के अफसर में गंभीरता नहीं दिखाई आखिर ऐसा क्यों? जब मामले को मीडिया में उठाया गया तो सारा शिक्षण विभाग एक्टिव मोड में आ गया और जांच के आदेश दे दिए गए साथ प्राथमिक शाला बम्होरी कला में अस्थाई तौर पर एक शिक्षक की व्यवस्था भी कर दी गई।

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