आजकल युवा अवस्था में ही कुछ युवाओं के चेहरे पर फाइन लाइंस और झुर्रियां आने लगी हैं। कम उम्र में एजिंग के लक्षण दिखना चिंता की बात है। यह एक ऐसी उम्र होती है जिसमें एक किशोरों के शरीर में बहुत से बदलाव आते हैं। यदि ऐसा हो रहा है तो कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इस उम्र में झुर्रियों का कारण आपका लाइफ स्टाइल और आप का वातावरण हो सकता है। इसे मेडिकल भाषा में एक्सट्रिनसिक एजिंग कहा जाता है। कुछ बातों का ध्यान रखकर इसे कंट्रोल किया जा सकता है।
इन कारणों से कम उम्र में आने लगती हैं झुर्रियां:
- धूप में बहुत ज़्यादा रहना: सूर्य के प्रकाश में यूवी के संपर्क में आने से त्वचा में परिवर्तन होता है। फाइन लाइनों और झुर्रियों के अलावा, यूवी रेज की क्षति से चेहरे पर भूरे रंग के धब्बे और पिगमेंटेशन की परेशानी होती है। इस तरह ये सभी मिल कर त्वचा में कोलेजन का नुकसान करते हैं और झुर्रियों को बढ़ाते हैं।
- बहुत ज़्यादा स्ट्रेस लेना: बहुत ज़्यादा तनाव या स्ट्रेस लेने की वजह से ही लोग युवा अवस्था में एजिंग के शिकार होते हैं।ज़्यादा स्ट्रेस लेने से कॉर्टिसोल नामक हार्मोन की मात्रा बढ़ती जायेगी। इससे आपके चेहरे पर उम्र से पहले ही एजिंग के लक्षण दिखने को मिल जायेंगे।
- चीनी का ज़्यादा सेवन: जो लोग अधिक मात्रा में शुगर का सेवन करते हैं उन्हें एजिंग के लक्षण भी कम उम्र में ही देखने को मिलने लगते हैं। शुगर के कारण स्किन की लाेच कम होने लगती है। जिस कारण फाइन लाइंस और झुर्रियां आम हो जाती हैं।
- नींद कम लेना: इस उम्र में फोन और इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स का भी नया नया चस्का लगता है। इससे आपकी स्किन के कोलेजन मॉलिक्यूल टूटने लगते हैं। जो शरीर को जवान रखने के काम आते हैं। इसलिए आपको कम उम्र में ही झुर्रियां पड़ जाती हैं। 6 से 8 घंटे की नींद लेने की जरूर कोशिश करें। एक हेल्दी नींद आपको बहुत सी शारीरिक परेशानियों से बचा सकती है।
- प्रदूषण में जाना: हवा में मौजूद पाल्यूटेंट्स आपकी स्किन की इलास्टिसिटी और कोलेजन को नष्ट करती है। इससे भी रिंकल्स जैसी समस्या आम हो जाती हैं। प्रदूषण के कारण आपकी स्किन को और भी बहुत नुकसान पहुंच सकता है।